लंदन। ग्लोबल वार्मिग यानी धरती के तापमान में वृद्धि का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों को चौंकाने वाला सूत्र हाथ लगा है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की राय में करीब 18 हजार साल पहले बड़ी मात्रा में कार्बन का जमाव समुद्र के अंदर हुआ था। कार्बन के इसी जमाव ने अंतिम हिमयुग को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। विज्ञान पत्रिका 'साइंस' में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि अंतिम हिमयुग के दौरान समुद्र...
More »SEARCH RESULT
जैव विविधता संरक्षण को अंतरराष्ट्रीय संधि संभव
नई दिल्ली। पर्यावरण और वन राज्य मंत्री जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि जैव विविधता से भरपूर संसाधनों तक पहुंच और उसके दोहन के लाभ में स्थानीय समुदाय की हिस्सेदारी सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से दुनिया के 193 देशों के बीच आगामी अक्टूबर तक अंतरराष्ट्रीय संधि के आकार लेने की संभावना है। रमेश ने यहां अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के मौके पर हुए समारोह में कहा कि जापान के नागोया में अक्टूबर मध्य...
More »इस साल हो सकती है घनघोर बारिश!
दिल्ली। मानसून और मौसम विशेषज्ञों की पकड़ में ठीक ढंग से नहीं आ पाता। यह बात पहले भी कई बार साबित हो चुकी है और इस बार भी हो रही है। फिलहाल, विशेषज्ञों की ताजा राय है कि इस साल देश में मानसून के सीजन में घनघोर बारिश हो सकती है। उधर, आंध्र प्रदेश में 'लैला' के प्रकोप से अब तक 17 लोगों के मारे जाने की खबर है। एक हफ्ते पहले विशेषज्ञों का...
More »हाईकोर्ट का सगोत्र विवाह पर रोक से इनकार
दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खाप पंचायतों को कड़ा संदेश दिया कि खाप पंचायतें खुद को कुल पिता की तरह प्रस्तुत नहीं करें। इसी के साथ ही हाईकोर्ट ने सगोत्र विवाह पर रोक लगाने और हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने खापों से दो टूक कहा कि वे हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की मांग के लिए सरकार के पास जाएं। अदालत ने नसीहत...
More »खेती-किसानी की जानकारी एसएमएस से
हरिद्वार [जासं]। अब मौसम एवं कृषि की पल-पल की जानकारी उत्तराखंड के किसानों को मोबाइल पर उपलब्ध होगी। मौसम का मिजाज बदलने से फसलों को बचाने की उपयोगी जानकारी संदेश में होगी। उन्नत कृषि के गुर भी बताए जाएंगे। कृषि विज्ञान केंद्र धनौरी ने यह योजना शुरू की है। कृषकों को सही समय पर सही जानकारी उपलब्ध कराने के मकसद से यह योजना शुरू की गई है। अभी जनपद में यह सुविधा सिर्फ 50 कृषकों को...
More »