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छग में अब होगी काजू-नारियल की खेती

रायपुर.छत्तीसगढ़ में अब यहीं के बीजों से काजू और नारियल की खेती होगी। इसका व्यापारिक उपयोग भी हो सकेगा। अब तक बाहर के बीजों से इसकी खेती होती थी जिससे पैदावार सही ढंग से नहीं होती थी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने काजू और नारियल समेत 11 फलदार, सुगंधित पौधे और धान की दो नई किस्में ईजाद की हैं। राज्य सरकार ने व्यावसायिक स्तर पर इनके बीज निर्माण की मंजूरी दे...

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मुख्यमंत्री हुड्डा ने की घोषणा, हरियाणा में बनेगी नई कृषि नीति

जींद. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को घोषणा की कि किसानों के हितों को देखते हुए जल्द ही नई कृषि नीति बनाई जाएगी। किसानों को लागत मूल्य के आधार पर फसलों का दाम मिलना चाहिए। जींद के हुडा ग्राउंड में कृषि विभाग के एडीओ एसोसिएशन द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरित क्रांति और किसानों से संबंधित एक रिपोर्ट उन्होंने पीएम को सौंपी है। किसानों के लिए...

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बच के रहना रे बाबा! दूध में जहर है

अहमदाबाद। देश के सबसे प्रतिष्ठित खानपान ब्रांडों में शामिल "अमूल" के दूध के अहमदाबाद के नमूनों में खासे नुकसानदेह माने जाने वाले कीटनाशक क्लोरपाइरिफोस के अवशेषों की मात्रा स्वीकार्य सीमा से कई गुना ज्यादा पाई गई है। यह मात्रा देश भर में सर्वाधिक है। यह खुलासा देश की शीर्ष संस्थाओं में शुमार किए जाने वाली नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्यूपेशनल हैल्थ (एनआईओएच), अहमदाबाद के विश्लेषण मे हुआ है। यह देश भर में...

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वेदांता उड़ीसा में विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना करेगी

लांजीगढ़। पंद्रह हजार करोड़ रुपये की प्रस्तावित विश्वविद्यालय परियोजना की राह में बाधा खड़ी होने के बाद भी वेदांता समूह ने कहा है कि वह यहां अपने एल्युमिना परिशोधन संयंत्र के समीप एक अत्याधुनिक विज्ञान महाविद्यालय स्थापित करेगी। वेदांता एल्युमिनियम के अध्यक्ष और प्रमुख संचालन अधिकारी मुकेश कुमार ने कहा कि विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना पश्चिमी उड़ीसा के लोगों की पुरानी मांग है क्योंकि लांजीगढ़ के आसपास कोई ऐसा संस्थान नहीं...

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साइकिल चलाते-चलाते ब्रांड बनी किसान चाची

मुजफ्फरपुर. 55 साल की राजकुमारी हर रोज 30-40 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करती हैं। पिछले 20 सालों से हर दिन साइकिल पर सवार होकर वह गांवों की ओर निकल जाती हैं जहां औरतों को खेती के गुर सिखाती हैं। आसपास के कई जिले उन्हें ‘किसान चाची’ के नाम से जानते हैं जहां उनका अचार, मुरब्बा, सॉस जैसे खाद्य वस्तुओं को बनाने का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलता रहता है। अपने गांव आनंदपुर में...

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