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धान की खेती के मोह को कम करें किसान- डा अब्दुल वदूद

किसानों को हर साल खेती में भारी क्षति का सामना करना पड़ता है. समय पर बारिश नहीं होने से किसानों की मेहनत तो बेकार हो ही जाती है साथ ही खेतों में डाले गये बीज तथा खाद भी बरबाद हो जाते हैं. किसानों को अब यह सलाह दी जाती है कि वे वैकल्पिक खेती की ओर ध्यान दें. इसी सिलसिले में पंचायतनामा संवाददाता ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में मौसम विज्ञान...

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पूर्वोत्तर राज्यों में आर्थिक विकास, रोजगार प्राथमिकता: वी के सिंह

नयी दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री पद का कार्यभार संभालने वाले जनरल :सेवानिवृत्त: वी के सिंह की शीर्ष प्राथमिकता पूर्वोत्तर राज्यों में आधारभूत सुविधाएं बढाना, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना और इन राज्यों में आर्थिक विकास को बढावा देने की होगी.सिंह ने कहा कि सरकार क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करने की कोशिश के अलावा सीमावर्ती इलाकों समेत पूरे पूर्वोत्तर की सडक संरचना में सुधार लाने पर...

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अबकी बार केवल सरकार- शंकर अय्यर

पिछले तीन महीने में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। यह सरकार विहीन यथार्थ से विपक्ष विहीन यथार्थ की स्थिति में आ गई है। निष्क्रियता और अयोग्यता का एक चक्र पूरा हो चुका है। ऐसे में, जनादेश को इस तरह भी अभिव्यक्त किया जा सकता है-अबकि बार केवल सरकार, कोई विपक्ष नहीं! सांसद आपस में मजाक करते देखे जा रहे हैं कि एनडीए के सभी सदस्यों के बैठने...

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मोदी सरकार का पहला फैसला, रि‍टेल में एफडीआई से इनकार

नई दि‍ल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम की ओर से पहले दि‍न पहला सबसे बड़ा फैसला सामने आया है। नई वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अभी मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आने का सही वक्त नहीं है।   अगर मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई लाया जाता है तो किसानों को नुकसान होगा। मोदी के मंत्रि‍यों ने यह मान कि‍या है कि‍ देश की अर्थव्‍यवस्‍था मुश्‍कि‍ल वक्‍त में...

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विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह

जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...

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