बढ़ती महंगाई को देखते हुए देश में क्या न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाया जाना चाहिए? यह सवाल इसलिए भी उठ खड़ा हुआ है, क्योंकि दिल्ली और ओड़िशा के सरकारों ने इसमें महत्वपूर्ण पहल करने का निर्णय लिया है? पूंजीवादी विकास के तीन आधार हैं और उनमें एक संतुलन बनाये रखने का काम राज्य के जिम्मे होता है. पहला आधार है पूंजी, जिसके मालिकों को इस बात के लिए प्रेरित करना...
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स्वच्छ भारत अभियान के बावजूद, 54 फीसदी ग्रामीण परिवार करते हैं खुले में शौच
नई दिल्ली: वर्ष 2015-16 में एकत्र हुए नवीनतम राष्ट्रीय स्वास्थ्य आंकड़ों के मुताबिक 10 भारतीय परिवारों में से करीब चार ( 38.9 फीसदी ) खुले में शौच करते हैं। यहां हम बता दें कि एक दशक पहले यह आंकड़े 55.3 फीसदी थे। यानी 16.4 प्रतिशत अंकों की गिरावट हुई है। इस कथा को विस्तार से पढ़ने के लिए यहांक्लिक करें ...
More »झारखंड का जनजातीय समाज -- जेबी तुबिद
झारखंड का जनजातीय समाज एक स्वाभिमानी समाज है. पीढ़ियों से समाज ने अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़कर अपनी पहचान को अक्षुण्ण रखा है. प्रकृति ने उन्हें लड़ने की क्षमता दी है. साथ ही प्रकृति के साथ सामंजस्य कर जीवन बसर करने के अलौकिक गुण भी दिये हैं. सांस्कृतिक दृष्टि से समाज काफी धनी है. जनजातीय समाज अपनी दुनिया में जीता है एवं दूसरे समाज को अपने में समाविष्ट...
More »कहां कितने अमीर: भारत में यहां बसते हैं सबसे संपन्न लोग, ये जिला है सबसे गरीब
अक्सर मन में सवाल आता है कि देश की सबसे संपन्न आबादी किन इलाकों में रहती है? इस सवाल के जवाब के लिए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस) 2015-16 का विश्लेषण किया गया, तो पता चला कि देश के छह महानगरीय क्षेत्र में देश की एक चौथाई संपन्न आबादी निवास करती है। इनमें से भी 11 फीसदी अकेले दिल्ली-एनसीआर में निवास करती है, यानी संख्या के आधार पर देशभर में...
More »क्यों रूठ गए हैं बादल हमसे- प्रार्थना बोराह
देश के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा की सौगात देने वाला मानसून इस बार बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों से मानो रूठ गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इन राज्यों में सामान्य के मुकाबले कम बारिश हुई है। अगस्त और सितंबर महीने के बारे में भी औसत या कम बारिश की भविष्यवाणी मौसम विभाग और स्काईमेट द्वारा की जा रही है। जाहिर है, कम बारिश...
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