-गांव कनेक्शन, "इस साल मैंने एप्लीकेशन लगा कर बैंक को बता दिया कि हमें इंश्योरेन्स नहीं लेना है। किसानों को पता ही नहीं चलता है कि प्रीमियम का पैसा कहां गया! इससे सरकार का भी नुकसान होता है और अपना भी। इंश्योरेंस का भी कोई फायदा नहीं हो रहा है," ये बातें हमसे हरियाणा के अम्बाला में रहने वाले 48 वर्षीय किसान नरेश कुमार कहते हैं। अम्बाला के लखनौरा गांव में रहने...
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विश्व बाजार में प्राकृतिक उपचार की मांग पूरा करने के लिए भारत को आयुर्वेद को रेगुलेट करना पड़ेगा
द प्रिंट, बाबा रामदेव के पतंजलि संस्थान की नयी ‘कोरोनिल’ दवा को लेकर पिछले महीने जो विवाद खड़ा हुआ, उसने भारत में आयुर्वेद से उपचारों के नियमन से संबंधित समस्या को उजागर कर दिया. पतंजलि ने दावा किया कि उसने जो आयुर्वेद औषधि कोरोनिल तैयार की है वह लोगों को कोविड-19 वायरस से सुरक्षा भी प्रदान करेगी और इससे होने वाले रोग को दूर भी करेगी. बाद में जो जानकारियां सामने...
More »‘आत्मनिर्भर भारत’: सरकार द्वारा जनता की जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने का बहाना?
-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रभाव के कारण एक ओर देश की सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति बद से बदतर बनती जा रही है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भरता की घोषणा के द्वारा जनता के प्रति कई जवाबदेहियों से अपने को मुक्त कर लिया है जिसके चलते सभी क्षेत्रों में घोर निराशा का वातावरण छाया हुआ है. आर्थिक मोर्चे पर गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले तथा...
More »मध्य प्रदेश: वादा करके भूली सरकार, किसानों को मूंग और उड़द में 1,500 से 3,000 रुपए प्रति कुंतल का घाटा
-गांव कनेक्शन, तीन जून को मध्य प्रदेश सरकार घोषणा करती है कि प्रदेश में मूंग और उड़द की सरकारी खरीद के लिए चार जून से 15 जून तक रजिस्ट्रेशन होगा। इस घोषणा को किये हुए एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन प्रदेश की मंडियों में एमएसपी पर (न्यूनतम समर्थन मूल्य) उड़द और मूंग की खरीद शुरू नहीं हो पायी है। इससे किसानों को प्रति कुंतल 1,500 से...
More »किसानों से ज्यादा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाले मोदी सरकार के हालिया कृषि अध्यादेश
-कारवां, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के टोला गांव के रामसेवक चार बीघे के किसान हैं. हाल ही में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर किए गए खेती से संबंधित पुराने कानून में संशोधन और दो नए कानूनों का जिक्र करते हुए वह कहते हैं, "हम कानून-आनून नईं जानत, जो कछू जानत हैं, वो इत्तो कि हमाये खेत, हमाई मेहनत, हम का बोएं, का पैदा करें, कोऊ दूसरो कैसे बता सकत!" ठेका...
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