बिहार के मगध क्षेत्र में इंसेफलाइटिस पिछले तीन महीने से अमूमन हर रोज एक बच्चे की जान ले रहा है. जो बच्चे बच जा रहे हैं उन्हें बाकी जिंदगी अपंगताओं के साथ गुजारनी होगी. लेकिन इलाके के जनप्रतिनिधि, शासन-प्रशासन और कथित समाजसेवी संस्थाएं आंखें मूंदे बैठे हैं. निराला की रिपोर्ट पिंकी की उम्र आठ-नौ साल होगी. गया-पटना रोड पर स्थित रसलपुर गांव की रहने वाली है. उसके सामने जाते ही उसकी...
More »SEARCH RESULT
दिल्ली उनका परदेस - हमंत शर्मा
जनसत्ता 15 दिसंबर, 2011: पिताश्री ठीक होकर बनारस लौट गए हैं। मैं उन्हें दिल्ली में उतने ही दिन रोक पाया जब तक वे बिस्तर पर थे। उनका दिल सामान्य आदमी से आधा धड़क रहा था। इस कारण शरीर के दूसरे हिस्से में खून और आॅक्सीजन की आपूर्ति काफी कम थी। डॉक्टरों ने उनके दिल में पेसमेकर लगाया। वे ठीक होते ही एक रोज भी यहां नहीं रुके। लौट गए बनारस।...
More »सबसे बड़ी चाय दुकान की ताकत- एम जे अकबर
अगर इंटरनेट की सेंसरशिप तकनीकी पहलू से अधिक कुछ नहीं है, तोयह पहले ही हो गया होता. एक लोकतांत्रिक सरकार को गद्दाफ़ी या चीनी कम्युनिस्टपार्टी की तरह मनमानी करने का अधिकार नहीं होता है. ऐसे में इसके लिए अव्यावहारिक तर्को का प्रयोग करना पड़ता है. लेकिन भारत सरकार को यह जल्द ही पता लग जायेगा कि इंटरनेट की आवाज कोआसानी से नहीं दबायाजा सकता है. प्रवक्ता अपनी नहीं आकाओं की भाषा बोलते...
More »बागबान और किसानों पर दोहरी मार नहीं टूट रहा सूखे का चक्र, ठंड बढ़ी
शिमला .हिल्स क्वीन शिमला सहित प्रदेश भर में पिछले तीन माह से जारी सूखे का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बारिश के लिए तरस रहे बागबान और किसान मौसम के मिजाज को देखकर चिंतित होने लगे हैं। बारिश की कमी से सूखी पड़ चुकी जमीन पर बुआई करने में परेशानी आ रही है जबकि सेब के पौधों के तौलिए बनाने का काम भी लटकने लगा है। इन दिनों...
More »मीडिया के खिलाफ लामबंदी : श्रवण गर्ग
मीडिया को लेकर देश के लगभग सभी राजनीतिक दल इस समय परेशान हैं। अधिकांश विपक्षी दल भी कम से कम इस एक मुद्दे पर तो सरकार के साथ हैं कि मीडिया पर लगाम लगाने की जरूरत है। सत्तारूढ़ सरकारें समय-समय पर मीडिया को कसने के प्रयोग करती रही हैं। आपातकाल के दौरान भी विपक्ष के पैरों में बेड़ियां व मीडिया के हाथों में चूड़ियां पहनाई गई थीं। मीडिया का एक प्रभावशाली वर्ग...
More »