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अब देश की उम्‍मीदें पूरी करने की चुनौती - परंजॉय गुहा ठाकुरता

विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र निर्णायक ढंग से एक नई दिशा में मुड़ गया है। जिस भगवा लहर के उफान के कयास लगाए जा रहे थे, वह भाजपा और उसकी अगुआई वाले एनडीए के पक्ष में सुनामी बनकर उभरी है। देश के उन हिस्सों में भी नरेंद्र मोदी ने नाटकीय ढंग से अपनी पार्टी की तकदीर बदल दी है, जिनमें वह परंपरागत रूप से मजबूत नहीं रही थी। हिंदी पट्टी...

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जहर की खेती कब तक

मानव स्वास्थ्य : कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से खाने-पीने के सामान हुए जहरीले यूरोप में भारतीय आम पर प्रतिबन्ध ने नीति निर्घारकों को सोचने का एक और मौका दिया है। रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के दुष्प्रभावों के खिलाफ पत्रिका लम्बे समय से मुहिम चलाता रहा है। अनेक शोध और अध्ययन बताते रहे हैं कि खाने-पीने की चीजों में जहर फैलता जा रहा है। सरकार से लेकर आम उपभोक्ता तक सभी को...

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एक दिल्ली और दो 'जन्तर-मन्तर'- अलका आर्य

हाल ही में मैं दिल्ली की तपती गर्मी को पीठ दिखाते हुए संसद से कुछ ही फासले पर स्थित जंतर-मंतर गई तो मन में पहला सवाल यही उठा कि क्या यह वही स्थान है, जहां 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप कांड के बाद भारी संख्या में लोगों ने लगातार कई दिनों तक सरकार व व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर दुनिया का...

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राजनीतिक विमर्श और जन-स्वास्थ्य- नीकी नैनसी

जनसत्ता 9 मई, 2014 : सोलहवीं लोकसभा के चुनाव अपने आखिरी चरण में हैं, लेकिन अभी तक किसी पार्टी ने सामाजिक विकास को लेकर कोई ठोस बहस या तथ्य पर आधारित चर्चा करने की जरूरत नहीं समझी है। किसी भी पार्टी का घोषणापत्र उठा लें, एक बात पर सभी अपना दावा करते नजर आएंगे- आर्थिक और समेकित विकास। इन भारी-भरकम शब्दों के इस्तेमाल में आपको कोई कटौती नहीं मिलेगी, चाहे...

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मगनपुर की महिलाएं सूत कात कर हुईं आत्मनिर्भर- सुरेन्द्र / सुरेश

आज ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं पुरुषों से किसी भी तरह कम नहीं हैं. वे गांव में भी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सशक्त पहचान बना रही हैं. गांधी जी के सपनों के अनुरूप वे बुनकरी का काम कर रही हैं. ग्रामीण महिलाओं में हुनर की किसी तरह की कमी नहीं है.  अपने इस हुनर के बदौलत सूत कात कर महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं. जिससे वे अपने परिवार का...

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