जनसत्ता 29 अप्रैल, 2013: भूमि अधिग्रहण (पुनर्वास और पुनर्स्थापन) विधेयक अब कानून बनने की दिशा में निर्णायक मोड़ पर आ चुका है। एक सौ सत्तासी संशोधनों के सुझावों के बाद अब अगर संसद में विधेयक पर मुहर लग जाती है तो एक तरफ जहां सरकार अपनी पीठ थपथपाएगी वहीं ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जिनकी जमीनें अधिग्रहीत की जानी हैं, वे भी मुआवजा बढ़ने से शायद राहत महसूस करें। लेकिन...
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बीपीएल के चक्कर से मुक्त सरकारी योजनाएं
बीपीएल सर्वेक्षण, सूची निर्माण और बीपीएल सूची में शामिल होने की होड़ का सच एक ऐसी तसवीर पेश करता है, जो सरकारी लाभ पाने की हमारे ग्रामीण समाज की जरूरत और भूख की दिशाहीनता दरसाता है. अव्वल तो बीपीएल सूची में शामिल लोगों को उनका वाजिब हक देने में तंत्र के हाथ-पांव फूल रहे हैं. इस सूची में शामिल गरीब लाभ से वंचित हैं. दूसरी ओर बड़ी संख्या में अमीर और सक्षम परिवार गरीबों...
More »सुप्रीम कोर्ट का फैसला और सस्ती दवाइयों का मुद्दा
रक्त-कैंसर रोधी महंगी और पुरस्कार प्राप्त दवा ग्लीवेक से जुड़े पेंटेंट अधिकार की भारत में रक्षा की जाय- दवा बनाने वाली मशहूर नोवार्टिस कंपनी ने यह गुहार लगायी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इसे खारिज कर दिया।कोर्ट के फैसले के बाद एक दफे फिर से देश में यह बहस शुरु हो गई है कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है और सरकार की स्वास्थ्य नीति हर जरुरतमंद को...
More »धिंकिया पंचायत में हुए बम विस्फोट पर केंद्रित फैक्ट फाईंडिंग रिपोर्ट का लोकार्पण
ओडिसा के जगतसिंहपुर जिले के धिंकिया और गोविन्दपुर गांव का 9 मार्च 2013 के दिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों और लोकतांत्रिक अधिकार के हिमायतियों के एक दल ने दौरा किया था। 2 मार्च 2013 के दिन गोविन्दपुर गांव में एक बम-विस्फोट हुआ जिसमें तीन जन की मौके पर ही मौत हो गई थी। एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ा। पुलिस इस घटना के 15 घंटे बाद मौका-मुआयना को पहुंची...
More »खाद्य सुरक्षा की शर्तें- रविशंकर
जनसत्ता 12 अप्रैल, 2013: हालांकि यूपीए सरकार की मंशा थी कि बजट सत्र में ही खाद्य सुरक्षा विधेयक को संसद से पास करा लिया जाए, पर ऐसा नहीं हो पाया। संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित होने से संशोधित विधेयक अब तक पेश नहीं हो सका है। अब इस विधेयक के बजट सत्र के अंतराल के बाद पेश होने की उम्मीद है। वास्तव में यह विधेयक यूपीए के 2009 के उस...
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