मध्य-हिमालय क्षेत्र में स्थित उत्तराखंड कम से कम 50 बड़े भूकंप और बाढ़ झेल चुका है, लेकिन 1803 में गढ़वाल में आए भूकंप के बाद दूसरी सबसे बड़ी अापदा (2013 में 19 जून को आई बाढ़) एक प्राकृतिक आपदा भर नहीं थी। इस आपदा को बनने में कई साल लगे थे। 2009 में बाढ़ और भू-स्खलन की एक श्रृंखला ने उत्तराखंड में 70 से ज्यादा की जान ली थी। वह एक...
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कॉल ड्रॉप का गोरखधंधा-- रघु ठाकुर
इस समय देश में मोबाइल फोन के उपभोक्ताओं की संख्या अस्सी-नब्बे करोड़ के बीच पहुंच गई है और कुछ लाचारी तथा कुछ जरूरतों के आधार पर एक-एक व्यक्ति दो-तीन मोबाइल फोन रखने को बाध्य हो रहा है। जमीनी फोन की संख्या घटी है और उसके पीछे भी महत्त्वपूर्ण कारण नब्बे के दशक से एक तरफ देश में मोबाइल फोन के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ना और दूसरी तरफ जमीनी फोन...
More »उत्पादन में रोबोट का बढ़ रहा है दखल, जॉब्स पर असर..
उत्पादन की प्रक्रियाओं में रोबोट के बढ़ते दखल से दुनियाभर में जॉब्स को लेकर चिंता बढ़ रही है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन भी पिछले दिनों इस संबंध में चिंता जता चुके हैं. अनेक वैश्विक संस्थाएं लगातार इसका अध्ययन कर रही हैं और उनकी रिपोर्ट बताती है कि वाकई में भविष्य में अनेक प्रकार के इनसानी जॉब्स पर रोबोट के हावी होने का खतरा बढ़ रहा है....
More »'प्रभु' से सवाल - 'जननी' की सेवा में 'जनक' को क्यों भूल गए...?
रेलवे से एक ख़बर आई है - अब 'जननी सेवा' के तहत चुनिंदा ट्रेनों और स्टेशनों पर बच्चों के लिए दूध, गर्म पानी, बेबी फूड वगैरह उपलब्ध कराया जाएगा... इस ख़बर को इस संदर्भ में देखा जा रहा है कि इससे छोटे बच्चों को साथ लेकर चलने वालों के लिए ट्रेन का सफर आसान हो जाएगा... ख़बर अच्छी है भी, लेकिन मेरे नज़रिये से 'प्रभु' के इस तोहफे में थोड़े-से...
More »बिहार: ग्रामीण सड़क के लिए पंचायतें दिलायेंगी 14 सौ एकड़ जमीन--दीपक कुमार मिश्र
पटना : ग्रामीण टोला संपर्क योजना (जीटीएसएनवाइ)के तहत बनने वाली सड़कों के निर्माण में जमीन एक बड़ी बाधा बनेगी. पांच साल के भीतर राज्य के बसावटों को बारहमासी सड़क से जोड़ देना है. 100 से कम आबादी वाले बसावटों में पंचायत के जरिये सड़क का निर्माण होगा. सड़क निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर रैयती जमीन की जरूरत होगी. पांच साल के इस प्रोजेक्ट को पूरा...
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