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विवादों के जाल में मछुआरे-- पंकज चतुर्वेदी

पिछले दिनों भारत की दो नौकाओं और कोई दस मछुआरों को पाकिस्तान की समुद्री पुलिस ने पकड़ लिया, कहा गया कि वे उनके देश की सीमा में घुस आए थे। उसके दो दिन बाद ही कच्छ में बीएसएफ ने पाकिस्तान के अठारह मछुआरे पकड़े। कहा गया कि ये भारतीय सीमा में चौंतीस किलोमीटर भीतर घुस आए थे। पाकिस्तान के थट्टा जिले के शाहपुर ब्लाक के चचा जानखां गांव के इन...

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सरकारी अस्पतालों में गुम होकर रह गया है दर्द का रिश्ता - डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला

शिक्षा और स्वास्थ्य, ये दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद स्थिति सुधरती नजर नहीं आती। सुधरेगी भी कैसे, जबकि शासकीय व्यवस्था का वही लापरवाह ढर्रा कायम हो और कर्मचारियों में अपने कर्तव्य का पूर्ण ईमानदारी से निर्वहन का कोई भाव नजर न आता हो। प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल एमवाय में घोर लापरवाही की वजह से दो दिन में दो मासूम जिंदगियों के मौत...

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आधुनिक गुलामी के शिकंजे में फंसे हैं एक करोड़ 83 लाख भारतीय

भारत में बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृत्ति और भीख जैसी आधुनिक गुलामी के शिकंजे में एक करोड़ 83 लाख 50 हजार लोग जकड़े हुए हैं और इस तरह दुनिया में आधुनिक गुलामी से पीड़ितों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में है। दुनिया भर में ऐसे गुलामों की तादाद तकरीबन चार करोड़ 60 लाख है। आस्ट्रेलिया आधारित मानवाधिकर समूह वॉक फ्री फाउंडेशन की तरफ से आज जारी 2016 वैश्विक गुलामी सूचकांक के अनुसार दुनिया...

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सेहत की कीमत पर विकते खाद्य-- निरंकार सिंह

पिछले दिनों मैगी विवाद ने खाने-पीने की चीजों में मिलावट के मामले को चर्चा का विषय बना दिया था। ताजा मामला डबल रोटी में खतरनाक रसायनों के मिलाने का है। बहुत सारे घरों में सुबह नाश्ते के समय खाई जाने वाली बे्रड और बेकरी के उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाले रसायनों का इस्तेमाल हो रहा है। सेंटर फार साइंस एंड इनवार्नमेंट (सीएसई) ने बे्रड, पाव, बन, बर्गर बे्रड और...

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किसके सपने-- कृष्णप्रताप सिंह

अरसा पहले एक गीत में एक बच्चा अपनी मां से कहता था कि वह गोली चलाना सीखेगा, क्योंकि उसे लीडर नहीं, फौजी अफसर बनना है! कई बार इस गीत को युवा पीढ़ी के अराजनीतिकरण की ‘गर्हित' कोशिशों से भी जोड़ा जाता था। लेकिन अब कोई टॉपर फौजी अफसर बनने की इच्छा भी नहीं दर्शाता। अगर कभी उसके सपनों में समाज सेवा शामिल होती है तो वह एनजीओ है जिसमें बदले...

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