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रिन्युएबल एनर्जी को बढ़ावा देने का है वक्त - संजीव कुमार

वैश्विक स्तर पर सरकारें औद्योगिक क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रीन इंडस्ट्रियल पॉलिसी पर काम कर रही है। इसके तहत रिन्युएबल एनर्जी के उत्पादन एवं खपत की दिशा में अधिक जोर दिया जा रहा है। यह ट्रेंड वैश्विक स्तर पर न केवल विकसित बल्कि विकासशील देशों में भी तेजी से अपनाया जा रहा है। इसका मकसद जीवाश्म ईंधन के बढ़ते इस्तेमाल से ग्लोबल वार्मिंग की...

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यूपीए तथा एनडीए का अर्थशास्त्र- डा. भरत झुनझुनवाला

विकास दर में वर्तमान गिरावट का कारण सरकारी राजस्व का रिसाव, भ्रष्टाचार में वृद्घि एवं चौतरफा कुशासन है. यह रिसाव बंद हो जाये तो उद्यमी निवेश करने लगेगा, उत्पादन बढ़ेगा, टैक्स की वसूली होगी और वित्तीय घाटा नियंत्रण में आ जायेगा. अपने चुनावी घोषणापत्र में एनडीए ने एफडीआइ का विरोध तो किया है, पर एनडीए मूल रूप से अर्थव्यवस्था में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश का स्वागत करता है. उनका विरोध खुदरा...

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अप्रैल की बारिश से वनोपज फसलों को भारी नुकसान - सचिन चतुर्वेदी

मुश्किल : बारिश के चलते पहाड़ी एवं मैदानी इलाकों में रबी फसल भी प्रभावित प्रभावित मौसम की मार तैयार खड़ी रबी फसलों और जंगलों में मौजूद वनोपज पर पड़ा अलग-अलग इलाकों में आए अंधड़-पानी ने साल बीज को काफी क्षति पहुंचाई इससे पहले पानी के चलते इमली की फसल को काफी नुकसान हुआ था 50' तक फसल बरबाद हुई है संग्राहकों के मुताबिक इस बार साल बीज की छत्तीसगढ़ में इस साल की शुरुआत से मौसम...

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कलेक्टर राज में विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया संभव नहीं- टी. आर रघुनंदन

पंचायती राज लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है. सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए गांवों में  कई योजनाओं को शुरू किया है. बावजूद इसके पंचायती राज व्यवस्था और केंद्र  व राज्य की सरकारें पंचायतों में कामकाज और उनके अधिकार को लेकर आमने-सामने खड़ी दिखती हैं. ग्रामीण विकास मंत्रलय में सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे पंचायती राज विशेषज्ञ टीआर रघुनंदन पंचायतों को अधिकार दिये जाने के सवाल...

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स्त्री अधिकार और आंबेडकर- सुजाता पारमिता

जनसत्ता 14 अप्रैल, 2014 : आंबेडकर ने कहा था, ‘मैं नहीं जानता कि इस दुनिया का क्या होगा, जब बेटियों का जन्म ही नहीं होगा। ’ स्त्री सरोकारों के प्रति डॉ भीमराव आंबेडकर का सर्मपण किसी जुनून से कम नहीं था। छियासी साल पहले, अट्ठाईस जुलाई 1928 के दिन, उन्होंने बंबई विधान परिषद में स्त्रियों के लिए प्रसूति से जुड़े पहलुओं से संबंधित एक महत्त्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया था। उसका...

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