पश्चिमी दिल्ली, जागरण संवाददाता : बेतहासा महंगाई वृद्धि होने के बाद क्षति नियंत्रण में जुटी सरकार के पास महंगाई कम करने के लिए फिलहाल कोई नई तरकीब नहीं है। सरकार पुराने घोषित उपायों से ही सुधार की आस लगाए बैठी है, इसलिए 'वेट एंड वाच' की बात कह रही है। पूसा में आयोजित राष्ट्रीय बीज कांग्रेस को संबोधित करने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि कुछ दिनों में चीनी की खुदरा...
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अनाज की महंगाई से निपटें
यह काफी महत्वपूर्ण बात है कि देश की सबसे बड़ी चीनी रिफाइनर और एथनॉल उत्पादक कंपनी श्री रेणुका शुगर्स ने दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक और निर्यातक देश ब्राजील की कंपनी वीडीआई...
More »खाद संकट पर फूटा किसानों का गुस्सा
भोपाल । रायसेन जिले में खाद-बीज की इतनी मारामारी हो रही है कि इसको लेकर क्षेत्र के कृषकों ने मंडी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन तक कर चुके है। जिले के आला अधिकारी कृषकों को समझाइश के अलावा कुछ नहीं दे पा रहे है। क्षेत्र में खाद की कमी लम्बे अरसे से बनी हुई है, जिससे फसलें प्रभावित हो रही है। जिले के सुल्तानपुर व आसपास डीएपी की समस्या बनी हुई...
More »गेहूं के समर्थन मूल्य की राह में महंगाई का रोड़ा
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। पहले मानसून ने मारा, अब न्यूनतम समर्थन मूल्य [एमएसपी] के जरिए सरकार किसानों को मार रही है। धान पर मिले कम बोनस के बाद गेहूं पर भी बहुत ज्यादा एमएसपी की उम्मीद नहीं है। सरकार जल्दी ही इसके समर्थन मूल्य की घोषणा कर सकती है। पिछले रबी सीजन में गेहूं का एमएसपी 1080 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। आमतौर पर बुवाई शुरू होने...
More »आर-पार से पहले मंझधार- बीटी बैंगन का विवाद
बीटी बैंगन की खेती को जेनेटिक इंजीनियरिंग एडवाइजरी कमिटी की हरी झंडी मिलने के साथ एक बार फिर आनुवांशिक रुप से प्रवर्धित बीजों के इस्तेमाल का सवाल मीडिया की सुर्खियों में है।जेनेटिक इंजीनियरिंग एडवाइजरी कमिटी वन और पर्यावरण मंत्रालय से जुड़ी एक नियामक संस्था है। वैज्ञानिक की टोली वाली इस समिति ने पिछले १४ अक्तूबर को बीटी बैंगन की व्यावसायिक खेती को निरापद करार देते हुए हरी झंडी दे दी थी। बीटी बैंगन की खेती को निरापद करार देने के समिति...
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