SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 955

ताकि मिल सके सस्ती खुराक

नई दिल्ली। जेनरिक दवाएं गरीबों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। खासकर भारत जैसे विकासशील देश में इनकी अहमियत और हो जाती है, जहां गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली की बड़ी हिस्सेदारी है। दो जून की रोटी की जुगाड़ में लगे रहने वाले भारतीय परिवारों के कुल स्वास्थ्य पर खर्च का 72 फीसद केवल दवाओं के मद में जाता है। क्या हैं जेनरिक दवाएं: जब कोई दवा कंपनी किसी...

More »

बच्चों की तस्करी का केंद्र बने गरीब राज्य-मनोज कुमार झा

नई दिल्ली. यूनिसेफ के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष लाखों बच्चे गायब होते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय का भी मानना है कि बड़े पैमाने पर बच्चे गायब हो रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर 2008 से लेकर अब तक 4 लाख से ज्यादा बच्चे गायब हो चुके हैं।   ज्यादातर बच्चे देश के गरीब राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश आदि से गायब होते...

More »

संशोधित खाद्य सुरक्षा विधेयक को हरी झंडी

नयी दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को देश की दो-तिहाई आबादी को एक से तीन रुपये प्रति किलोग्राम की सस्ती दरों पर प्रति व्यक्ति एक समान 5 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए संशोधित खाद्य सुरक्षा विधेयक को मंजूरी दे दी. हालांकि अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत आने वाले करीब 2.43 करोड़ बेहद गरीब परिवारों को प्रति परिवार प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न की कानूनी अर्हता होगी. इन परिवारों को सार्वजनिक वितरण...

More »

खाद्य सुरक्षा बिल अगले हफ्ते संसद में पेश करने की तैयारी- आर एस राणा

खाद्य सुरक्षा बिल सोनिया का पसंदीदा कार्यक्रम मौजूदा सत्र में मंजूरी के बाद लागू करने के लिए एक साल एक साल बाद चुनाव में मिल सकता है फायदा बिल में 67 फीसदी जनता को शामिल करने की योजना बिल में स्थाई समिति के अलावा राज्यों के भी सुझाव शामिल केंद्र सरकार खाद्य सुरक्षा बिल को अगले सप्ताह संसद में पेश करने की तैयारी में जुट गई है। कानून मंत्रालय से इस बिल को मंजूरी मिल...

More »

समानता का सपना- रुचिरा गुप्ता

जनसत्ता 14 मार्च, 2013: कोई भी बदलाव डरावना होता है। खासकर वैसा बदलाव, जो राजनीति और यौन भूमिका दोनों को प्रभावित करता है। सोलह दिसंबर को दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार कांड के व्यापक विरोध ने देश में एक चिनगारी सुलगा दी है। पुरुषों की हर तरह की हिंसा को खत्म करने के लिए स्त्रियों के आंदोलन की मांग लगातार होती रही है। विरोध-दर-विरोध में युवतियों का साथ युवक भी दे...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close