देश में बीटी बैंगन उगाने की अनुमति को लेकर बहस अब तेज हो गई है। बहुराष्ट्रीय कंपनी मोनसांटो और उसकी भारतीय साझेदार मायको इसकी तरफदारी कर रही हैं। तो स्वयंसेवी संस्थाएं व स्वतंत्र वैज्ञानिक इसका विरोध। दावों और विरोध का आधार क्या है? वैज्ञानिक सबूत क्या हैं? ऐसे में बीटी कॉटन का पिछले आठ साल का प्रदर्शन ही क्या बीटी बैंगन को उगाने की अनुमति का आधार हो सकता है? गुजरात: बीटी कॉटन से छाई खुशहाली बीटी...
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कितना भूखा है मध्यप्रदेश: शिरीष खरे
झाबुआ, मध्यप्रदेश: कुपोषण ने दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को निगला है- यह हाल आदिवासी जिले झाबुआ का है, जहां मेघनगर ब्लाक के अगासिया और मदारानी गांवों में बच्चों की मौत का सिलसिला है कि टूटता ही नहीं। फिलहाल पूरा मध्यप्रदेश ही इतना भूखा है कि यहां न जाने क्यों भूख का नामोनिशान है कि मिटता ही नहीं ?केवल अक्टूबर में ही झाबुआ के इन 2 गांवों से 25 बच्चों...
More »स्वयं सहायता समूहों ने छीना बच्चों का निवाला
झाबुआ/भोपाल। आदिवासी अंचल झाबुआ जिले की अधिकांश स्कूलों से बच्चे भूखे लौट रहे हैं। उन्हें स्वयं सहायता समूहों की गड़बड़ियों के चलते भूखा लौटना पड़ रहा है। गांव के स्वयं सहायता समूहों पर दबंगों का कब्जा है और मध्याह्नं भोजन योजना दबंगों के मकड़जाल में उलझ कर रह गई है। मध्याह्नं भोजन में विसंगति में नया तथ्य यह है कि जो शिक्षक मध्याह्नं भोजन न मिलने का या अमानक भोजन...
More »असफल रहा रोम का खाद्य-सुरक्षा सम्मेलन
रोम(इटली) में 16 नवंबर से खाद्य सुरक्षा के मामले पर जिस तीन दिनी विश्व सम्मेलन का आयोजन हुआ उसके समापन की घड़ी आई तो सम्मेलन के भागीदारों में घोषणाओं को लेकर आपस में ही सहमति नहीं थी।सम्मेलन के अंत में जो एलान किए गए उससे असंतुष्ट लोगों में जैक्स डिओफ का भी नाम शामिल हैं और डिओफ का एलानों से असंतुष्ट होना मायने रखता है क्योंकि वे खुद यूएन के...
More »संरा का भूख सम्मेलन रोम में शुरू
रोम। विश्व के लगभग एक अरब लोगों की दुर्दशा पर ध्यान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र का एक सम्मेलन यहां शुरु हो गया। दूसरी ओर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यह सम्मेलन समय की बर्बादी है क्योंकि विश्व के सबसे धनी देशों के नेता सम्मेलन में उपस्थित नहीं हुए हैं। आगामी बुधवार तक चलने वाले सम्मेलन में आठ औद्योगिक देशों में से सिर्फ इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी...
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