भोपाल (एमपी मिरर)। एक भागीरथ को भारतीय इतिहास में इसलिए जाना जाता है कि वे गंगा को इस धरती पर लाए थे। इस पुण्य कार्य को सफल बनाने के लिए भागीरथ ने अपना सारा जीवन खपा दिया था। इस पुण्य कार्य को करने के बाद उनके साथ दो चीजें हमेशा के लिए जुड़ गईं। एक तो गंगा को धरती पर लाने के बाद उनका नाम गंगाजी के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया। इसके...
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समूचा झारखंड बुधनी है, पर वह कहां है किसी को पता नहीं!- अश्विनी कुमार पंकज
बारह वर्षों के झारखंड में आज अगर हूल की प्रासंगिकता समझनी हो तो बुधनी को जानना जरूरी है। हालांकि सांस्कृतिक अतिक्रमण और हमले से गुजर रहे आज के झारखंड में अब ‘बुधनी’ जैसे ठेठ आदिवासी नाम नहीं मिलते हैं फिर भी रजनी, रोजालिया, रजिया जैसे नामों वाली आदिवासी स्त्रियां रोज ‘बुधनी’ बनने के लिए अभिशप्त हैं। कौन है यह बुधनी और ‘हूल’ के संदर्भ में उसकी चर्चा क्यों जरूरी है?...
More »भ्रष्टाचार की गंगा का मुहाना बंद करना होगा- पी साईनाथ (अनुवाद मनीष शांडिल्य)
मनमोहनॉमिक्स के करीब 20 साल पूरे हो रहे हैं, अतः उस कोरस को याद करना बहुत वाजिब होगा, जिसका राग मुखर वर्ग पहले तो खूब गर्व से और फिर खुद को दिलासा देने के लिए अलापता रहा हैः 'आप चाहे जो भी कहें, हमारे पास डॉ मनमोहन सिंह के रूप में सबसे ईमानदार आदमी हैं. उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला जा सकता'. लेकिन ऐसा अब कम सुनने को...
More »खबरों का ट्विटरीकरण!- राजदीप सरदेसाई
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान मैंने बाबा रामदेव, जो टेली-फ्रेंडली योगगुरु के साथ ही अब कालेधन के विरुद्ध मोर्चा खोल लेने वाले आंदोलनकारी भी बन गए हैं, से पूछा कि उनकी संपदा का राज क्या है? उन्होंने तपाक से कहा : ‘इस तरह के प्रश्न क्यों पूछ रहे हो? तुम भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में हमारे साथ हो या दुश्मनों के साथ?’ आह! भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ रहे...
More »खतरे से खाली नहीं स्कूल में पढ़ना
पोड़ैयाहाट गोड्डा निप्र: प्रखंड के राजकीयकृत प्लस टू विद्यालय डांडे को देखने से सरकार की झारखंड के नौनिहालों के प्रति गंभीरता का आकलन स्वयं हो जाता है। 50 साल पुराना भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। छत टुकड़ों में गिरती रहती है। जहां बच्चों का बैठना खतरे से खाली नहीं। बच्चों ने भी कक्षा में बैठने से इंकार कर दिया है। मनीष कुमार बताते हैं कि क्लास रूम में...
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