कुछ महीने पहले योजना आयोग की गरीबी रेखा पर काफी चर्चा हुई हैं. उच्चतम न्यायलय में दायर हलफनामे में योजना आयोग ने कहा कि 2011 की सरकार की गरीबी रेखा- ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 32 रुपए- जीवनयापन यानी खाना, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है. आज से पहले किसी भी सरकार ने यह दावा नहीं किया कि गरीबी रेखा जीवन बिताने के लिए पर्याप्त...
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सामने आयी बोतल बंद पानी की चौंकाने वाली सच्चाई!
बोकारो. चास और बोकारो शहर में इन दिनों पानी का गोरखधंधा जमकर चल रहा है। चास शहर के लगभग सभी मुहल्लों में निकलने वाले खारा पानी से परेशान लोगों का झुकाव फ्रेश पानी की ओर बढ़ रहा है। इसका फायदा पानी बेचने वाले उठा रहे हैं। फ्रेश पानी के नाम पर बोरिंग का पानी बोतलों और जार में भरकर लोगों के घरों में महंगे दाम पर पहुंचा जा रहा है। यह पानी लोगों को...
More »टैक्स से बचने को 1540 शिक्षक बन गए कैंसर रोगी
बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में तैनात कुछ शिक्षकों ने टैक्स बचाने के फेर में बड़ा फर्जीवाड़ा कर डाला। दस-बीस नहीं, अब तक 1540 ऐसे शिक्षक चिन्हित किए गए हैं जिन्होंने खुद को या पत्नी को गंभीर कैंसर रोगी बता दिया और इलाज के नाम पर टैक्स में छूट का दावा किया। दो सौ से अधिक शिक्षकों ने पत्नी को विकलांग बता दिया और उसके लंबे इलाज के नाम पर...
More »खसरे के मामलों की होगी खोज
फरीदाबाद। स्वास्थ्य विभाग, प्रदेश में 2010 के बाद सामने आए खसरे के मामलों की खोज करेगा। इसके लिए प्रदेश में एक सर्वे भी किया जाएगा। पूरे भारत में प्रतिवर्ष 70-80 हजार बच्चे खसरे की बीमारी से मौत के मुंह में समां जाते हैं। केंद्र सरकार ने वर्ष 2010 में भारत में खसरे की बीमारी से बच्चाें को बचाने के लिए एक अभियान की शुरूआत की थी, जिसके तहत 10 वर्ष...
More »हुण कोई उम्मीद नहीं बचीः 100 घंटे बीते, 62 बचाए,13 शव निकाले
जालंधर. शीतल फाइबर्स के मलबे में क्या कोई नहीं बचा है? बचाव दल एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स) ने जीवित लोगों की तलाश खत्म करने के साथ ही इसके पिलरों पर लिख दिया है - नो विकटिम लाइव। यानी अब कोई मजदूर नहीं बचा है। फोर्स ने वीरवार की रात नया ऑपरेशन शुरू किया। यह काम है शवों की निशानदेही करना। वैसे चमत्कार की आस खत्म नहीं हुई है। जीवित लोगों की...
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