नई दिल्ली, 9 जनवरी (एजेंसी)। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर)गुजरात में बाल अधिकार की कथित खराब स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए राज्य में इस महीने के आखिर में जन सुनवाई करने जा रहा है। एनसीपीसीआर का कहना है कि गुजरात में बीटी कॉटन के खेतों में बड़ी संख्या में बाल श्रमिक काम कर रहे हैं और दूसरे राज्यों में भी बाल श्रमिकों का पलायन हो रहा है, लेकिन राज्य...
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प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगेगी रोक
जम्मू. सीएपीडी मंत्री कमर अली आखून ने शिक्षा विभाग को राज्य में एसआरओ-123 को सख्ती से लागू करने को कहा ताकि निजी स्कूल वाले मनमानी फीस न वसूल सके। अखून ने कहा कि निजी शिक्षा संस्थान सरकार द्वारा निर्धारित किए गए नियमों का धड़ल्ले से उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे में इन पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी हो गया है। सोमवार को सीएपीडी, एजुकेशन एवं स्कूल बोर्ड के अधिकारियों से हुई...
More »प्री-नर्सरी में दाखिले के फैसले का सरकार ने किया बचाव
नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि संविधान और शिक्षा के अधिकार कानून में छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्री नर्सरी कक्षाओं में दाखिले पर किसी तरह की पाबंद नहीं लगाई गई है। सरकार की ओर से एक हलफनामा दायर करते हुए कहा गया कि स्कूल सरकारी दिशा-निर्देश का पालन करते हुए प्री नर्सरी कक्षाएं चला सकते हैं। अब शुक्रवार को न्यायालय में नर्सरी दाखिला...
More »असमानता की खाई पाटने का अवसर : हर्ष मंदर
खाद्य सुरक्षा विधेयक में भारत के लाखों गरीबों और वंचितों की नियति बदलकर रख देने की क्षमता है। दो साल चली बहस के बाद केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी। खबरों से पता चला है कि प्रस्तावित कानून के संबंध में स्वयं कैबिनेट मंत्रियों की धारणाएं अलग-अलग थीं। इस पर हुई बहस में भारत में व्याप्त असमानता की संस्कृति की झलक भी मिली। यह भी पता चला कि इस कारण...
More »खाद्य सुरक्षा की खातिर - सुभाष वर्मा
जनसत्ता 5 जनवरी, 2012: पूरी दुनिया में एक सौ पचीस करोड़ से अधिक लोग भूख से त्रस्त हैं, जिनमें से एक तिहाई लोग भारत के गरीब हैं। नवीनतम वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का स्थान बहुत नीचे, इक्यासी देशों के बीच सड़सठवां है। इसलिए यह स्वागत-योग्य है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाला विधेयक संसद में पेश किया है। इस विधेयक में ग्रामीण इलाकों की पचहत्तर फीसद और...
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