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कोरोनावायरस संकट के बीच जीवन ही नहीं अब जीविका बचाना भी हो गया है जरूरी

-द प्रिंट, कोरोनावायरस त्रासदी के बीच अब वक्त आ गया है कि जीवन बचाने के साथ जीविका बचाने पर भी सोचा जाये क्योंकि बिना जीविका, जीवन अर्थहीन सा हो जाता है. अगर आपको लगता है कि ये बात करना अभी जल्दबाजी है तो आप गलत सोच रहे हैं. क्योंकि अगर अभी ये सोचना नहीं शुरू किया गया तो देश में भुखमरी, अपराधों और आत्महत्याओं से हुई मौतों की तादाद कोरोना से...

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योगीराज के तीन सालः आंकड़ों के आईने में एनकाउंटर, मर्डर, रेप, बेरोजगारी और बवाल…

-मीडियाविजिल, योगी आदित्यनाथ की गिनवायी उपलब्धियों की मीडियाविजिल ने सरकारी आंकड़ों के सहारे पड़ताल की है. यह पड़ताल समाज के प्रत्येक क्षेत्र से जुड़ी है. जो आंकड़े सामने आये हैं, वे दिल दहलाने वाली तस्वीर पेश करते हैं. मीडियाविजिल एक-एक कर के अलग-अलग क्षेत्रों की ज़मीनी हक़ीकत पाठकों के सामने रख रहा है. रोजगार  पिछले विधानसभा चुनाव के मौके पर भारतीय जनता पार्टी ने युवाओं के लिए 70 लाख नौकरियों का वादा किया था....

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आधा भारत आया मार्च की बारिश के चपेट में, 57 फीसदी अधिक हुई बारिश, आगे भी बना है खतरा

-गांव कनेक्शन, जिस फसल को देखकर किसान के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं, उसी फसल को हाथ में लेकर 70 साल के बुजुर्ग किसान अच्छे लाल फफक रहे थे। कई हजार रुपए की लागत और कड़ाके की सर्दी में छुट्टा पशुओं से बचाकर लगभग तैयार हो गई उनकी तीन एकड़ चने की फसल 14 मार्च को भारी बारिश और हवा से बर्बाद हो गई थी। "पूरी फसल बर्बाद हो गई, इससे अब...

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कोरोना वायरस: किसान और पोल्ट्री उद्योग को एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान

-आउटलुक, ब्रायलर, चिकन से कोरोना वायरस फैलने की अफवाहों के कारण पोल्ट्री उद्योग करीब एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। पोल्ट्री किसानों को तो नुकसान हो ही रहा है, उद्योग से जुड़े लोगों की आजीविका पर भी संकट छा गया है। इसलिए विशेषज्ञ सरकार से आगे आने और जरूरी कदम उठाने की बात कर रहे हैं। कृषि अर्थशास्त्री और पोल्ट्री फेडरेशन आफ इंडिया के एडवायजर विजय सरदाना ने...

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पूरे परिवार को तोड़ देती है आत्महत्या, महिला किसानों को गुजारनी पड़ती है विपदा की जिदंगी

-डाउन टू अर्थ   खेती-किसानी करने वालों की जिंदगी एक ऐसे डगर पर चल रही होती है कि जब वे फिसलते हैं तो कोई न कोई फंदा उनका गला कसने को तैयार रहता है। खेतों में काम करते हुए महिला किसानों को भी बड़ी पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक 1995 से 2018 के बीच कुल 23 वर्षों में खेती-किसानी से संबधित 353,802 लोगों ने...

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