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पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस ही नहीं, खाने का तेल भी हो गया महंगा, प्याज और दाल भी बिगाड़ रहे बजट

-गांव कनेक्शन, पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। कई रिपोर्टस में बताया जा रहा कि पिछले दो महीने में जहां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगभग 8 रुपए की बढ़ोतरी हुई है तो वहीं एलपीजी गैस सिलेडंर की कीमत 100 रुपए तक बढ़ गई है, लेकिन आम लोगों पर महंगाई की मार बस इन्हीं दो चीजों की वजह से नहीं...

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निजी क्षेत्र के समर्थन के दावे को पूरा करने के लिए मोदी सरकार को इन 5 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना होगा

-द प्रिंट, सरकार की आर्थिक रणनीति में बदलाव करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी क्षेत्र पर भरोसा जताया है. बुधवार को सरकार ने दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए एक प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू की, जिसमें 13 सेक्टर शामिल हैं और माना जा रहा है कि इससे वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र भारत की ओरआकर्षित हो सकेगा. यह विशेष रूप से आयात पर उच्च निर्भरता वाले श्रम-प्रधान क्षेत्रों में घरेलू...

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इतने खतरे के बाद भी भारत चीनी टेलिकॉम कंपनियों पर यूरोप जैसी कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रहा है?

-सत्याग्रह, केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले दिनों राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए दो ऐसे फैसले लिए जिसने चीन को चिंतित कर दिया है. पहले सरकार ने दूरसंचार और ऊर्जा क्षेत्र में चीन के कई उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया. कहा जा रहा है कि इन उपकरणों पर ‘स्पाईवेयर’ या ‘मालवेयर’ की चिंता के चलते रोक लगाई गई है. इसके बाद सरकार ने टेलिकॉम सेक्टर के लिए ‘नेशनल...

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बाजार भरोसे खेती को छोड़ने के जोखिम

-दैनिक भास्कर, हम सबको चॉकलेट खाना पसंद है लेकिन अगली बार जब आप चॉकलेट का ग्रास लें तो यह याद करिएगा कि कोको की खेती करने वाले एक किसान की औसत दिहाड़ी उस मूल्य से भी कम है जो आपके हाथ में मध्यम आकार की चॉकलेट बार की होती है। पश्चिमी अफ्रीका के कोको किसान की दैनिक आय महज 100 रुपये (1.3 डॉलर) बैठती है! दुनिया में इस समय में जो 210...

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सेविंग्स, प्रोफिट और स्टॉक्स ज्यादा समय तक नहीं चढ़ सकते, उम्मीद की जानी चाहिए कि बदलाव की रफ्तार धीमी होगी

-द प्रिंट, जब लोगों की आमदनी घटती जा रही है, कंपनियों का कारोबार सिकुड़ रहा है, तब आप यही उम्मीद कर रहे होंगे कि घरेलू बचत और कॉर्पोरेट मुनाफे में भी गिरावट आ गई होगी. आपकी यह उम्मीद गलत है. हकीकत यह है कि आम तौर पर जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर रहने वाली घरेलू वित्तीय बचत ने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में इसके दोगुने से ज्यादा...

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