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2015 तक उड़ीसा को बात ज्वर से मुक्त करने का लक्ष्य

भुवनेश्वर। आगामी 2015 तक उड़ीसा को बात ज्वर से मुक्त कराने का लक्ष्य लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 20 बात ज्वर प्रवण जिलों में तीन दिन तक मुफ्त में डीईसी टेब्लेट सेवन कराने का अभियान सोमवार से शुरू कर दिया गया है। भुवनेश्वर के तटीय क्षेत्र मेण्टासाल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आयोजित एक उत्सव में इस अभियान का शुभारंभ स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग कमिश्नर तथा शासन सचिव अनु...

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100 करोड़ खर्च कर लगेंगे 5000 नलकूप

भुवनेश्वर। राज्य में भूतल जल को सदुपयोग करने के लिए 10 हजार हेक्टर जमीन में जल सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु 5 हजार एलआई प्वाइंट लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में आज संपृक्त निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार 100 करोड़ रुपया खर्च करेगी। जल सिंचाई सुविधा न होने वाले क्षेत्रों में संपृक्त नलकूप खुदाई के लिए अग्राधिकार दिया जाएगा।...

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दम तोड़ रहा नरेगा के बूते हिरयाली लाने की कोशिश

बांका। जिले में मनरेगा के बूते हरियाली लाने की योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। जिले में सामाजिक वानिकी योजना के अन्तर्गत तीन लाख 70 हजार पेड़ लगाने की स्वीकृति मिली थी। इस योजना के तहत जिले में लगभग एक लाख से अधिक पेड़ भी लगाया गया। लेकिन देख-रेख के अभाव में आधे से अधिक पेड़ सूख गये। ऐसी स्थिति में पर्यावरण सुरक्षा के लिए बनाया गया यह योजना कितना सफल है यह सबके...

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युवाओं को रोजगार चाहिए, बेरोजगारी भत्ता नहीं

लखनऊ। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री कुंवर जितिन प्रसाद का कहना है कि युवाओं की तरक्की के बिना देश की तरक्की की बात नहीं सोची जा सकती। यह बात यूपीए सरकार महसूस करती है और इसलिए उसकी प्रतिबद्धता युवाओं की तरक्की के मार्ग प्रशस्त करने की है। सभी मंत्रालय युवाओं से जुड़ी योजनाएं बना रहे हैं। बकौल जितिन, युवाओं को रोजगार चाहिए, बेरोजगारी भत्ता नहीं। पेट्रोलियम मंत्रालय ने 'राजीव गांधी ग्रामीण वितरक योजना' के जरिये...

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भारत में जेंडर गैप- अभी मीलों आगे जाना है..

वैश्विक लैंगिक असमानता को अगर एक पैमाने पर बैठाकर देखें तो उसमें भारत की कहानी कुछ मामलों में चमकदार मगर ज्यादातर मामलों में बदरंग नजर आएगी। पहले चमकदार पहलू को लें। साल १९९३ में संविधान का ७३ वां(पंचायत) संशोधन पारित हुआ और इस संविधान संशोधन से तृणमूल स्तर की दस लाख महिलाएं आनन फानन में राजनीतित मशीनरी का हिस्सा बन गईं। कहानी का एक चमकदार पहलू जुड़ता है नेतृत्व के...

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