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भारत का वित्त संकट टैक्स रेवेन्यू के 12.5 प्रतिशत गिरने से और बढ़ेगा

-द प्रिंट, इस सप्ताह के शुरू में जो आंकड़े जारी किए गए वे जीएसटी के मद में अगस्त माह में हुई आय में गिरावट दर्शाते हैं. टैक्स से होने वाली आय में कमी का अनुमान लगाया भी जा रहा था. भारत में कोविड-19 के हमले के बाद लागू किए गए लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप हो गई थीं. नतीजतन, उत्पादन में कमी और इसके चलते टैक्स में गिरावट होनी...

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इस 22 अगस्त से दुनिया एक बार फिर से पृथ्वी की लूट-खसोट में लग गई है

-सत्यहिंदी, दुनिया के लगभग हर देश की सरकारें करों आदि से होने वाले अपने राजस्व से अधिक ख़र्च करती हैं. अपने अतिरिक्त ख़र्च के लिए उन्हें ऋण लेने पड़ते हैं. उदाहरण के लिए, भारत की सरकारों द्वारा लिए गये ऋण, भारत के हर नागरिक पर इस समय औसतन 1,400 डॉलर से भी अधिक बैठते हैं. एक डॉलर इस समय लगभग 75 रूपये के बराबर है. घाटे के बजट की ही तरह दुनिया...

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मोदी सरकार और रिजर्व बैंक 2008 के संकट में की गई भूलों से सबक ले सकते हैं, मगर समय हाथ से निकल रहा है

-द प्रिंट, लॉकडाउन में पांचवां महीना बीत रहा है मगर कोविड-19 की महामारी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है और अर्थव्यवस्था निरंतर नीचे फिसलती जा रही है. आधुनिक भारत ने ऐसी महामारी पहले नहीं झेली थी, लेकिन इसका आर्थिक प्रभाव जाना-पहचाना है— सुस्त आर्थिक वृद्धि, ऊंची मुद्रास्फीति, और बेहिसाब बुरे कर्जों का घातक मेल. 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट (जीएफसी) के बाद के दौर में भी यही स्थिति थी....

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एक समय था जब भारत की एक कहानी हुआ करती थी

-सत्याग्रह, 15 अगस्त 2007 यानी भारत की आजादी के साठ साल पूरे होने के मौके पर मैंने देश के हालात को लेकर हिंदुस्तान टाइम्स में एक लेख लिखा था. उन दिनों यह खूब कहा जा रहा था कि भारत एक उभरती हुई विश्वशक्ति है. चीन पहले ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना लोहा मनवा चुका था और कहा जा रहा था कि अब हमारी बारी है. बहुत से लोगों का मानना था...

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क्या मनरेगा के लिए आंवटित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज लॉकडाउन के दौरान वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित होगा ?

साल 2020 की शुरुआत में सामाजिक कार्यकर्ताओं और संबंधित अर्थशास्त्रियों ने साल 2020-21 के लिए गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत कम से कम 1 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की. लेकिन 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत केवल Rs.61,500 करोड़ आवंटित किए. जोकि 2019-20 में मनरेगा पर खर्च किए गए फंड की तुलना...

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