ग्रामीण क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करते समय मुझे बहुत से ऐसे प्रवासी मजदूर मिले हैं, जो अक्सर कहते हैं, “परेशान होकर हम शहरों में आए हैं। हम गांव में थोपी गई जाति व्यवस्था के कारण अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।” ऐसा नहीं है कि केवल गांव ही “महान भारतीय जाति व्यवस्था” का पालन करते हैं, लेकिन इस व्यवस्था से सबसे अधिक पीड़ित वे गरीब हैं जो जाति के सबसे निचले...
More »SEARCH RESULT
कोरोना वायरस: राजस्थान में फंसे बिहार, यूपी, झारखंड समेत कई राज्यों के छात्र
-बीबीसी, देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के कारण लॉकडाउन को 14 अप्रैल से बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है. लॉकडाउन बढ़ने के साथ ही राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए देशभर से आए छात्र फंस गए हैं. "हम पूरी तरह से फंस चुके हैं कोटा में. सोचा था निकलने का कोई ज़रिया निलेगा, लेकिन गवर्नमेंट और कोचिंग की तरफ़...
More »प्रदीप के प्रयास से पहाड़ के कचरे से गांवों को मिल रही बिजली
पहाड़ का सौंदर्य हर किसी को लुभाता है। कोई पर्यटक के तौर पर पहाड़ों पर जाता है, तो कोई पर्यटन को ही रोजगार का आधार बनाकर इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लेता है, लेकिन ऐसे बिरले ही लोग होते हैं, जो पर्यटन के साथ साथ स्वच्छता और पर्यावरण का भी ध्यान रखते हैं। इन्हीं लोगों में शामिल हैं, मूल रूप से हरियाणा के निवासी प्रदीप सांगवान। सांगवान हिमाचल प्रदेश...
More »उम्मीदें बजट 2020: कम बजट और उससे भी कम खर्च बिगाड़ रही देश में शिक्षा की स्थिति
उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर के सुदूर दक्षिण में स्थित प्राथमिक विद्यालय राउतपार अपने ब्लॉक का एक मात्र अंग्रेजी माध्यम का विद्यालय है। राज्य सरकार की कायाकल्प योजना के तहत इस विद्यालय को बाहर से बहुत सजाया-संवारा गया है, लेकिन इस स्कूल के छात्र कड़कड़ाती ठंड में टाइल्स पर बिछे टाट पर बैठने को मजबूर हैं क्योंकि विद्यालय में बेंच और डेस्क नहीं हैं। विद्यालय के एक अध्यापक ने...
More »संविधान की अंतरात्मा और शिक्षा
“अगर संविधान पर ढंग से अमल होता तो सबको समान शिक्षा मिलती और गैर-बराबरी नहीं रहती, लेकिन सरकारों ने इसकी अवहेलना की, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ न केवल भटकाव बल्कि छलावा भी” घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए, जवाब-दर-सवाल है के इंकलाब चाहिए! -शलभ श्री राम सिंह हम भारत के लोग ने संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया था। आज लगभग 70 साल के बाद देश का शासक...
More »