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अगले साल से 3 रुपये की दर से 35 किलो अनाज

नई दिल्ली। संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] की बुधवार हुई बैठक में वर्ष 2011 से सर्वाधिक गरीब जिलों में प्रत्येक परिवार को तीन रुपये प्रति किलो की दर से हर महीने 35 किलोग्राम गेंहू, चावल देने की सिफारिश की गई। साथ ही प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक का नया मसौदा तैयार करने पर भी आमराय बनी। बैठक में खाद्य सुरक्षा विधेयक को लागू करने...

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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं 19 खरब रुपये

नई दिल्ली। विश्व बैंक का कहना है कि विकासशील देशों में हर साल 40 अरब डालर [19 खरब रुपये] की रकम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है। विश्व बैंक एक अधिकारी एवं चुराई गई संपत्ति की वसूली के लिए पहल [स्टार] के समन्वयक एड्रियन फोजार्ड ने बताया, 'विकासशील देशों में प्रत्येक साल 20-40 अरब डालर की रकम चुराई जाती है। पिछले 15 सालों में इनमें से मात्र 5 अरब...

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अस्पताल ने पांच बच्चों को एचआईवी पाजीटिव बनाया

जयपुर, जागरण संवाददाता: गए थे जिंदगी के लिए खून चढ़वाने और अस्पताल ने रगों में मौत का सामान दौड़ा दिया। पांच बच्चों को एचआईवी पाजीटिव संक्रिमत बना दिया। कुछ बच्चे हेपेटाइटिस सी की चपेट में आ गए हैं। पहले से ही थैलेसीमिया पीड़ित इन बच्चों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहक्षेत्र जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में संक्रमित खून चढ़ा दिया गया। इस आरोप के विपरीत मंगलवार को राजस्थान सरकार ने सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर...

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भुखमरी और कुपोषण के हालात बयान करते दो और रिपोर्ट

दो जून भर पेट भोजन ना जुटा पाने वालों की तादाद दुनिया में इस साल एक अरब २० लाख तक पहुंच गई है और ऐसा हुआ है विश्वव्यापी आर्थिक मंदी और वित्तीय संकट(२००७-०८) के साथ-साथ साल २००७-०८ में व्यापे आहार और ईंधन के विश्वव्यापी संकट के मिले जुले प्रभावों के कारण। यह खुलासा किया है संयुक्त राष्ट्र संघ की इकाई फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की हालिया रिपोर्ट ने । द...

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सवाल सेहत का

   खास बात •    सिर्फ 10 फीसदी भारतीयों के पास हेल्थ इंश्योरेन्स है और यह बीमा भी उनकी सेहत की जरुरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। *** •    अस्पताल में भर्ती भारतीय को अपनी सालाना आमदनी का 58 फीसदी इस मद में व्यय करना पड़ता है।*** •    तकरीबन 25 फीसदी भारतीय सिर्फ अस्पताली खर्चे के कारण गरीबी रेखा से नीचे हैं। *** •    सेहत के मद में होने वाले खर्चे का सवाल बड़ा चिन्ताजनक है। सालाना 10 करोड़ लोग...

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