मुजफ्फरपुर [मो. शमशाद]। यह मुर्दो का घर है। दुनिया इसे कब्रिस्तान के नाम से जानती है। हयात पूरी होने के बाद अपनों के कंधों पर लोग जनाजे की शक्ल में आकर यहां दफन हो जाते हैं। मगर, कुछ बदनसीब ऐसे भी हैं, जो हैं तो जिंदा मगर इनका आशियाना इन्हीं मुर्दो के बीच है। जी हां, यह उनकी मजबूरी है। कहीं आसरा नहीं मिला तो कब्रिस्तान को ही बना डाला घर। इस सच्चाई को...
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यह स्कूल कैसा होता है, अंकल?
कानपुर। काकादेव कब्रिस्तान बस्ती के सामने की सड़क पर पान मसाला बेच रहे आठ वर्षीय बच्चे से पूछा गया, स्कूल जाते हो? उसने उलटा सवाल किया, स्कूल कैसा होता है अंकल? आजादी के 62 साल बाद किसी मासूम का यह सवाल पूरी व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर देता है। शहर में यह अकेला मासूम नहीं है जिसने कभी स्कूल नहीं देखा। रेलवे स्टेशन, बस स्टाप व चौराहों से लेकर...
More »अफसर बढ़ाएं विकास की गति
पटना। मुख्य सचिव अनूप मुखर्जी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे योजनाओं की प्राथमिकता तय करें और कालबद्ध तरीके से इन्हें निपटाते हुए विकास की गति को बढ़ाएं। बचे हुए टास्क को छह माह के भीतर पूरा करें। विकास कार्यो में प्रभावकारी भूमिका अपनाएं। बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों, प्रमंडलीय आयुक्तों व विभागीय सचिवों के साथ मैराथन बैठक की। आठ-नौ घंटे चली बैठक में विभागवार...
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