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जलवायु संकट: जलवायु रिकॉर्ड का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर इस साल 2022 में किया गया दर्ज

कार्बनकॉपी, 16 नवम्बर हमारी धरती तेजी से गर्म हो रही है और इसका एक और नया सबूत सामने आया है। जब जलवायु इतिहास का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर इस साल 2022 में दर्ज किया गया है। नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि इस साल अक्टूबर के महीने में औसत तापमान बीसवीं सदी के औसत...

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“जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में हमारी नज़र विकसित देशों पर है जो अपने वादों से पीछे हट रहे हैं”

कार्बनकॉपी, 15 नवम्बर हमारा ध्यान विकसित देशों पर है जो शमन (मिटिगेशन) पर अपने वादों से पीछे हट रहे हैं। उनका कहना है कि यह बस कुछ समय के लिए है। लेकिन विज्ञान हमें बताता है कि कुछ समय के लिए ही सही, इस प्रकार लक्ष्यों से पीछे हटना दशकों के लॉस एंड डैमेज (हानि और क्षति) का कारण बन सकता है। इसलिए, हमारे लिए बहुत जरूरी है कि हम हानि और...

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कॉप 27: 2022 के दौरान भारत के उत्सर्जन में हो सकती है 6 फीसदी की वृद्धि, चीन में आएगी गिरावट

 डाउन टू अर्थ, 14 नवम्बर  पिछले वर्ष की तुलना में इस साल वैश्विक उत्सर्जन में मामूली वृद्धि होने की आशंका है। वहीं सबसे ज्यादा वृद्धि भारत में देखने को मिल सकती है। यह जानकारी मिस्र के शर्म अल-शेख में जलवायु परिवर्तन पर चल रहे 27वें संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (कॉप 27) के दौरान जारी रिपोर्ट में सामने आई है। वहीं अमेरिका में  उत्सर्जन में दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि होने का अनुमान...

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कॉप-27: क्या सेनाओं का बढ़ता कार्बन फुटप्रिंट एमिशन रिपोर्टिंग का हिस्सा नहीं होना चाहिए?

डाउन टू अर्थ, 07 नवम्बर दुनिया भर में कई शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाएं बड़ी तेजी से अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने में लगी हुई हैं। हर दिन दुनिया के किसी न किसी हिस्से से मिसाइल या अन्य हथियारों के किए जा रहे परीक्षण की खबरे सामने आती रहती हैं। ऐसा ही एक परीक्षण हाल ही में नार्थ कोरिया ने किया था। देखा जाए तो दुनिया भर में सशस्त्र बलों को मजबूत करने की एक...

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जलवायु परिवर्तन सम्मेलन: पहले दिन कुछ खोया कुछ पाया

कार्बन कॉपी, 07 नवम्बर मिस्र में चल रहा जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के पहले दिन ही खींचतान और दांवपेंच का दौर शुरू हो गया. भारत और विकासशील देशों के लिए यह बहुत अहम वार्ता है. विशेष रूप से साल 2022 में हुई एक्सट्रीम वेदर की घटनाओं को देखते हुए. ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि भारत सरकार जो कि इस सम्मेलन की अहम भागीदार है उसका रुख क्या रहेगा? अच्छी ख़बर यह...

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