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आर्टिकल 19: लड़ते-खपते किसान पर क्यों चुप हैं अपने-अपने मोहल्लों के भगवान?

-जनपथ, ऑस्ट्रेलिया में भारत के एक मुकाबले के बाद कप्तान विराट कोहली ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहे होते हैं। दर्शक दीर्घा में बैठी एक महिला जोर से चिल्लाती है- “विराट कोहली तुम कहां हो? किसान एकता जिंदाबाद.. भारतीय किसानों का समर्थन करो.. वर्ना तुम टॉयलेट पेपर से ज्यादा कुछ नहीं..।” इस टिप्पणी को सुनने के बाद किसी की भी अंतरात्मा जाग उठेगी। वह महिला भारतीय मूल की एक सामान्य महिला थी,...

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गेहूं उत्पादन की उन्नत तकनीक, कब और कैसे करें बुवाई

-गांव कनेक्शन, खरीफ फसलों की कटाई के साथ ही किसान रबी फसलों की तैयारी शुरू कर देते हैं। गेहूं की फसल रबी की प्रमुख फसलों से एक है, इसलिए किसान कुछ बातों का ध्यान रखकर अच्छा उत्पादन पा सकते हैं। भारत ने पिछले चार दशकों में गेहूं उत्पादन में उपलब्धि हासिल की है। गेहूं का उत्पादन साल 1964-65 में जहां सिर्फ 12.26 मिलियन टन था, जो बढ़कर साल 2019-20 में 107.18...

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कृषि क़ानून: कृषि मंत्री के न होने पर किसान संगठनों ने सरकार के साथ बैठक का बहिष्कार किया

-द वायर,  हाल में बनाए गए तीन विवादित कृषि कानूनों पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार ने जिन किसान संगठनों को निमंत्रण दिया था, वे नाराज होकर कृषि सचिव संजय अग्रवाल के साथ हो रही बैठक छोड़कर चले गए. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, किसानों के प्रतिनिधि जोगिंदर सिंह और जगमोहन सिंह ने कहा कि नई दिल्ली में कृषि सचिव के साथ बातचीत के लिए संगठनों के नेताओं को बुलाए जाने...

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बिहार चुनाव में ये फूल काँटे की तरह क्यों चुभ रहे हैं?

-बीबीसी, "फूल की कोई क़ीमत नहीं है. क़ीमत लगी तो 500 रुपए में भी 20 लड़ी (एक लड़ी में 52 फूल) बिका, और नहीं हुआ तो पटना ही बिगा(फेंका) गया. एक रुपया भी नहीं मिला. फूल देखने में बहुत सुंदर लगता है, लेकिन हमारे लिए तो खेत में खड़ा हुआ फूल किसी काँटे से कम नहीं." कड़ी धूप में अपने फूल के खेत में काम करते हुए रूपा देवी ज़रा खीझ...

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नये कृषि कानूनों के बाद भी दूसरे प्रदेश में फसल नहीं बेच पा रहे किसान, मंडियों में नहीं मिल रही MSP, औने-पौने रेट पर बेचने को मजबूर

-गांव कनेक्शन, "कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद, दुनिया में कहीं भी बेच सकता है। जहां चाहे वहां बेच सकता है, लेकिन केवल मेरे किसान भाई-बहनों को इस अधिकार से वंचित रखा गया था। अब नये प्रावधान लागू होने के कारण, किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में किसी भी कीमत पर बेच सकेगा।" देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 सितंबर को अपने एक ट्वीट ये तब कहा...

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