फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
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एफआईआर से आरटीआई तक ग्राम्य जनजीवन - गोपालकृष्ण गांधी
अंग्रेजी के कुछ शब्द (या शब्दों के संक्षिप्त रूप) ऐसे हैं, जो भारत के दूर-देहात तक जड़ें जमा चुके हैं। यहां मैं डीएम, एसपी, बीडीओ जैसे अफसरों के पदों का उल्लेख नहीं कर रहा। ना ही मैं बस, ट्रेन, साइकिल जैसे सर्वसुलभ शब्दों की बात कर रहा हूं। मैं ऐसे शब्दों की बात कर रहा हूं, जो हमें आज के भारत के बारे में कुछ बताते हैं। इन्हीं में से...
More »सूखे का साया
आखिरकार भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली। उसने इस साल मानसून के कमजोर रहने का अंदेशा जताया था। तब वित्तमंत्री ने कहा था कि घबराने की बात नहीं है, हो सकता है मानसून संबंधी पूर्वानुमान गलत निकले। दरअसल, वित्तमंत्री को बाजार की चिंता सता रही थी और वे निवेशकों को आश्वस्त करना चाहते थे कि सब कुछ ठीकठाक रहेगा। पर अब मौसम संबंधी पूर्वानुमान पहले से कहीं अधिक वैज्ञानिक...
More »यूरोप में पानी से भी सस्ता बिक रहा है दूध
ब्रिटेन। यूरोप में दूध की गंगा बह रही है। बोतलबंद पानी से भी सस्ता मिल रहा है दूध। मगर, इसका कारण वहां की समृद्धि नहीं है। इसके उलट चीन और रूस में यूरोपीय दूध की मांग कम होने से वहां दुग्ध उत्पादकों में हड़कंप मच गया है। उनकी आमदनी प्रभावित हो रही है और इसके चलते यूरोपीय देशों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। दरअसल, रूस ने आयात पर प्रतिबंध...
More »यूरोप में पानी से भी सस्ता बिक रहा है दूध
ब्रिटेन। यूरोप में दूध की गंगा बह रही है। बोतलबंद पानी से भी सस्ता मिल रहा है दूध। मगर, इसका कारण वहां की समृद्धि नहीं है। इसके उलट चीन और रूस में यूरोपीय दूध की मांग कम होने से वहां दुग्ध उत्पादकों में हड़कंप मच गया है। उनकी आमदनी प्रभावित हो रही है और इसके चलते यूरोपीय देशों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।दरअसल, रूस ने आयात पर प्रतिबंध...
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