कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने आज कहा कि सिंगुर में अब बंद पड़ चुके टाटा मोटर्स कार संयंत्र के लिए जमीन का चयन ही गलत था और आशा की कि अदालत लोगों का पक्ष सुनेगी। चटर्जी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘जिस तरह से सिंगुर की जमीन चिह्नित की गई वह गलत था। (पिछली वाम मोर्चा) सरकार द्वारा गलती की गई। ’’ पिछली वाममोर्चा सरकार ने नैनो...
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बरसात का पानी नहीं, यहां शासन की लापरवाही से फसलें हो रही बर्बाद
नागपुर। पेंच से शहर में आ रही मनपा की पाइपलाइन ने खेतों में कहर बरपा दिया है। पाइपलाइन की वजह से बारिश का पानी जमा होने से खेतों में तालाब बन गया है। इससे फसलों को भारी नुकसान होने की जानकारी है। नुकसान को देखते हुए किसानों ने मनपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और पाइपलाइन दूसरी ओर स्थानांतरित करने की मांग...
More »वैश्वीकरण बनाम आदिवासी- हरिराम मीणा
जनसत्ता 29 जुलाई, 2013: भूमंडलीकरण का यह वह दौर चल रहा है जब सारे प्राकृतिक संसाधनों का फटाफट और अंधाधुंध दोहन कर लिया जाए, हो सकता है फिर ऐसा सुनहरा अवसर इन कंपनियों को मिले या न मिले। नई आर्थिक नीति की चरम परिणति जन-विरोधी वैश्वीकरण के रूप में अब सामने आ रही है। बहुराष्ट्रीय निगमों, उनको मॉडल मानने वाले देशी पूंजीपतियों और प्राकृतिक संसाधनों की बंदरबांट में लगे राजनीतिकों,...
More »महान लोकतंत्र की सौतेली संतानें- अतुल चौरसिया
नर्मदा और टिहरी की जो वर्तमान त्रासदी है उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला उससे आधी सदी पूर्व ही गुजर चुका है. लेकिन इसका दुर्भाग्य कि नर्मदा, टिहरी के मुकाबले विनाश के कई गुना ज्यादा करीब होने के बावजूद यह आज कहीं मुद्दा ही नहीं है. शायद इसलिए कि सोनभद्र के पास कोई मेधा पाटकर या सुंदरलाल बहुगुणा नहीं हैं. अतुल चौरसिया की रिपोर्ट. फोटो: शैलेंद्र पांडेय. सोनभद्र को देखकर पहली नजर...
More »भूमि अधिग्रहण और आदिवासी
जनसत्ता 1 मई, 2013: आजकल भूमि अधिग्रहण विधेयक की चर्चा जोरों से चल रही है। वन अधिनियम पहले ही पास कराया जा चुका है। ये दोनों ही कदम आदिवासियों के जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। जयराम रमेश का मंत्रालय बार-बार बदला जाना एक विडंबना ही है। जब-जब उन्होंने अपने मंत्रालय से कोई जन-भावन कदम उठा कर हस्तक्षेप करना चाहा, उनका मंत्रालय ही बदल दिया गया! चाहे वह वन या...
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