-इंडिया वाटर पोर्टल, प्रांरभ से ही भारत में खेती की जा रही है। भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि ही है, जहां 51 प्रतिशत भाग पर कृषि, 4 फीसद पर चारागाह, 21 फीसदी पर वन और 24 बंजर भूमि है। देश के 52 प्रतिशत भाग की आजीविका कृषि और इससे संबंधित उद्योगों व कार्यों पर निर्भर है। चीन के बाद भारत गेंहू और...
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आप की थाली में पोषण कम है, क्योंकि अनाज उगाने वाले खेत ही बेदम हैं...
अगर आप अपने पिछले कुछ वर्षों के डॉक्टरों के पर्चे पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि वे दवाओं के साथ विटामिन, जिंक वाली टैबलेट-कैप्सूल भी लिखते हैं, क्योंकि आप जो खाना (शाकाहारी-मांसाहारी) खाते हैं, उसमें ही पोषक तत्व कम हो गए हैं। अनाज में पोषक तत्व कम इसलिए हो गए हैं क्योंकि मिट्टी बेदम हो गई है। इसी कुपोषित मिट्टी में उगी फसल खाकर भारत के लोग पेट तो भर...
More »अदल-बदल कर लगाएं फसल तो कीड़े नहीं कर पाएंगे नुकसान
दुनियाभर में फसलों पर तेजी से कीड़ों का हमला बढ़ता जा रहा है। अभी हाल ही में राजस्थान और गुजरात में टिड्डी दल के हमले ने भारी मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचाया था। वहीं, अफ्रीका के कई देशों में आर्मीवॉर्म ने खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था। पर वैज्ञानिकों ने उससे निपटने का एक रास्ता ढूंढ लिया है। उन्होंने एक नए शोध में कम्प्यूटेशनल मॉडल प्रस्तुत किया...
More »बेरोजगारी दर कैसे 6.1 प्रतिशत से भी ज्यादा हो सकती है, पढ़िए इस न्यूज एलर्ट में
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी श्रमबल सर्वेक्षण के नये आंकड़ों में बेरोजगारी दर के साल 2017-18 में 6.1 प्रतिशत होने की बात कही गई है लेकिन मंत्रालय के आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित एक शोध-आलेख में आशंका जतायी गई है कि बेरोजगारी की मार झेल रहे लोगों की वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है.(आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण की मूल रिपोर्ट के लिए इस लिंक पर क्लिक करें) ‘सर्जिकल स्ट्राइक ऑन एम्पलॉयमेंट: द रिकार्ड ऑफ द फर्स्ट...
More »खेती फायदेमंद तभी किसान खुशहाल-- मोंटेक सिंह अहलूवालिया
खेती-किसानी की बदहाली की खबरें इधर काफी सुर्खियों में रही हैं। अटकलें लगाई जा रही थीं कि अंतरिम बजट में आय हस्तांतरण से जुड़ी कुछ योजनाएं घोषित की जाएंगी। ऐसा हुआ भी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत सरकार ने किसानों को सालाना आय देने की घोषणा की है। मगर कृषि संकट से पार पाने के लिए हमारे राजनीतिक दलों को छह बातों पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत...
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