-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 महामारी के चलते दुनिया भर में गरीबों की संख्या 100 करोड़ से ज्यादा हो जाएंगी। इसमें 39.5 करोड़ अत्यंत गरीब होंगे। और इसकी सबसे ज्यादा मार भारत पर पड़ने वाली है। इस बात का खुलासा यूनाइटेड नेशंस यूनीवर्सिटी वर्ल्ड इंस्टीट्यूट फॉर डवलपमेंट इकोनोमिक्स की रिसर्च रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया के विकासशील देश फिर से गरीबी का केंद्र बन सकते हैं। जहां पर...
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श्वेत-अश्वेत' महज प्रचलन या नस्लवाद का वर्चस्व?
-न्यूजलॉन्ड्री, अमेरिका में पुलिसिया दमन से मारे गए जॉर्ज फ्लॉएड की मौत के बाद दुनिया भर में नस्लवाद के खिलाफ आंदोलन हो रहे हैं. हर ज़ुबान में बहुत कुछ लिखा जा रहा है. हिन्दी में भी टिप्पणियों और लेखों का अंबार है. पश्चिमी मुल्कों में पिछले कई सालों से चल रहे आंदोलन 'ब्लैक लाइव्स मैटर' को लेकर हिन्दी में कैसे लिखा जाए, यह एक समस्या है. 'ब्लैक' लफ्ज़ ही समस्या है....
More »कोरोना: गुजरात के 'हेल्थ मॉडल' का डरावना हाल, तेज़ी से हो रही हैं मौतें
-बीबीसी, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य गुजरात कोरोना संक्रमण से सबसे बुरी तरह प्रभावित होने वाले राज्यों में शामिल है. महाराष्ट्र के बाद गुजरात ऐसा राज्य था जहां बेहद तेज़ी से कोरोना संक्रमण फैला और यहाँ पर वायरस के कारण मरने वालों की दर भी लगातार चिंता का विषय रही है. भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, देश में 5 जून को 2 लाख 16 हज़ार से ज़्यादा कोरोना संक्रमितों में...
More »कोई तूफान यों ही गुजर नहीं जाता है
-न्यूजलॉन्ड्री, तब ‘अम्फान’ आ कर गुजर गया था; अब ‘निसर्ग’ आ कर गुजर गया है. राहत की आवाज सुनाई दे रही है कि चलो, गुजर गया. हिसाब यह लगाया जा रहा है कि ‘अम्फान’ ओडिशा से कट कर निकल गया; ‘निसर्ग’ ने मुंबई के चेहरे पर कोई गहरी खरोंच नहीं डाली. तूफान कमजोर पड़ गया. कैसे इसका हिसाब लगाया आपने कि तूफान कमजोर पड़ गया? जवाब तुरंत आता है: मौत के...
More »निजी अस्पताल में सरकारी पैसे से इलाज की छूट लेकिन निजी परिवहन से यात्रा करने पर सरकारी लाभ से वंचित
-जनचौक, पिछले तीन माह में यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना वायरस महामारी को रोकने में सरकार लगभग हर मोर्चे पर असफल रही है। न केवल सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते फैलाव को रोकने में असमर्थ रही है बल्कि उसके ही कारण देश के अधिकाँश लोगों को संभवतः सबसे बड़ी अमानवीय त्रासदी झेलनी पड़ी है। सरकार की असंवेदनशील, अल्प-कालिक और संकीर्ण सोच के कारण करोड़ों लोगों के...
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