सरकार के मंत्री-गण और अन्ना हजारे टीम के बीच एक-दूसरे के लोकपाल को लेकर कई मुद्दों पर असहमति है. जन लोकपाल की सभी बातों से राजनीतिक दल का कोई भी व्यक्ति सहमत नहीं है. लेकिन हाल में जन-अधिकार पर जो हमले हुए, उससे भी राजनीतिक दल सहमत नहीं हैं. संसद को कानून बनाना है. अभी लोकपाल बिल संसद की स्टैंडिंग कमिटी के पास विचाराधीन है. हालांकि स्थायी समिति ने अपनी प्रथम बैठक में...
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दिल्ली लौटे अन्ना, संसदीय समिति से होगी बात
नई दिल्ली। 16 अगस्त से प्रस्तावित अपने अनशन के लिए गाधीवादी अन्ना हजारे बुधवार को दिल्ली पहुंचे। उनकी आज अपराह्न कार्मिक और प्रशिक्षण तथा विधि और न्याय मामलों की संसद की स्थाई समिति के समक्ष लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर अपनी बात रखने की संभावना है। हजारे ने हालाकि कहा है कि वह अपने रुख से पीछे नहीं हटेंगे। दिल्ली आने के बाद हज़ारे ने कहा कि संसद में पेश...
More »टीम अन्ना का आह्वान, एक हफ्ता देश के नाम
नई दिल्ली। जन लोकपाल के समर्थन में 16 अगस्त से अनशन पर बैठने जा रहे गाधीवादी अन्ना हजारे के सहयोगियों ने अपने समर्थन में देशवासियों को एकजुट करने के लिए धरना प्रदर्शन के साथ साथ साइबर जगत में अपनी मुहिम तेज कर दी है। टीम अन्ना के सदस्य शिवेंद्र सिंह चौहान ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर 'एक हफ्ता देश के नाम' नामक पेज बनाया है। चौहान ने बताया कि ट्यूनीशिया,...
More »सरकार बनाम सिविल सोसायटी- कुलदीप नैयर
भारत में सिविल सोसाइटी सरकार को एक गतिशील जन लोकपाल विधेयक को स्वीकार कराने में सफल नहीं हो सकी। फिर भी इस गतिविधि के मुख्य केंद्र गांधीवादी अन्ना हजारे ने आंदोलन तथा अनशन की जो चेतावनी दी है, उसने सरकार के मन में परमात्मा का भय तो बैठा ही दिया। उसने अपने परिवेश की स्वच्छता की दिशा में शुरुआत कर दी है। दो दूरसंचार मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने को बाध्य किए...
More »राजनीतिक दल तय करें कि कैसा है प्रारूपः हजारे
मुम्बईः जन लोकपाल विधेयक के माध्यम से बिना जवाबदेही वाली समानांतर सरकार बनाने तथा संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करने जैसी आलोचनाओं का जवाब देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा कि यह सभी राजनीतिक दलों को तय करना चाहिए कि क्या सच में ऐसा है. हजारे ने कहा, ‘‘हमने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से संपर्क करने तथा उन्हें सरकारी प्रारूप और अपना प्रारूप दिखाने का निर्णय...
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