उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में फैले जापानी इनसेफैलाइटिस अथवा दिमागी बुखार के प्रति राज्य और केंद्र सरकार की घनघोर लापरवाही से इलाके की जनता में जबरदस्त रोष है। लोगों ने आगामी विधानसभा चुनावों में सरकार की कमजोर जनस्वास्थ्य नीतियों को एक बड़ा मुद्दा बनाने का फैसला किया है। इसके लिए ‘इनसेफैलाइटिस इरेडिकेशन मूवमेंट’ (ईईएम) नाम से गठित मंच उम्मीदवारों से पूछेगा कि इस महामारी से लड़ने के लिए उनके...
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गरीबों की गिनती का सच : हर्ष मंदर
मानवीय अस्मिता के साथ जीवन बिताने के लिए किसी गरीब व्यक्ति को कितने पैसे की जरूरत हो सकती है? हम जिस समय में जी रहे हैं, उसमें ऐसा कभी-कभार ही होता है कि अखबारों के फ्रंट पेज और खबरिया चैनलों के प्राइम टाइम बुलेटिनों में यह सवाल सुर्खियों में आया हो। यह भी आम तौर पर नहीं होता कि इस पहेली ने मध्यवर्ग की चेतना को चुनौती दी हो। लेकिन जब...
More »महंगी चिकित्सा और मरते गरीब-- भगवती प्रसाद डोभाल
आज के दौर में अलग-अलग रोगों के लिए निजी अस्पतालों की पूरे देश में बाढ़-सी आ गई, पर इनमें इलाज कितना अच्छा हो रहा है, उसकी पड़ताल आवश्यक है। यह भी देखने में आया है कि इन अस्पतालों में इलाज कराना आम जनता के बस की बात नहीं है। दूसरी ओर, सरकारी अस्पतालों की दिनोंदिन खस्ता होती हालत से इलाज के अभाव में गरीब जल्द ही इस दुनिया से विदा...
More »बीमार व्यवस्था में पिसते गरीब-- सुभाष चंद्र कुशवाहा
आज शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यावसायीकरण के चलते गरीबों का जीना दूभर होता जा रहा है। आए दिन महंगी शिक्षा का खर्च वहन न कर पाने के कारण गरीब छात्र व्यावसायिक शिक्षा से वंचित हो रहे हैं और हताशा में खुदकुशी कर रहे हैं। इसी तरह अस्पतालों का खर्च न उठा पाने के चलते गरीब असमय मरने को मजबूर हो रहे हैं। दुखद है कि आम लोगों को शिक्षा और...
More »नियति है मौत!- (रिपोर्ट निराला, तहलका)
बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के दो-तीन जिलों के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार फिर जून का महीना जानलेवा साबित हुआ. रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आकर 60 से अधिक बच्चे काल के गाल में समा गए. इस बीमारी और बीमारी के बहाने प्रभावित इलाके के साथ स्वास्थ्य महकमे की पड़ताल करती निराला की रिपोर्ट आंखों देखी-कानों सुनी दोपहर करीब साढ़े तीन बजे का समय. मुजफ्फरपुर शहर का केजरीवाल मातृ...
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