SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 603

वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन से शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने में मिलेगी मदद: सरकार

डाउन टू अर्थ, 24 जुलाई  केंद्र सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन करने और उसमें प्रस्तावना को जोड़ने के लिए शुद्ध शून्य उत्सर्जन को आधार बनाया है। केंद्र सरकार के अनुसार उसका लक्ष्य वन संरक्षण अधिनियम में बदलाव करके शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करना है। गौरतलब है कि इस वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 को संसद के मौजूदा माॅनसून सत्र के दौरान चर्चा के लिए पेश किया...

More »

बढ़ते जलवायु संबंधी खतरों के साथ, अनुकूलन के लिए तैयार होते किसान

मोंगाबे हिंदी, 20 जुलाई  फरवरी के अंत में, भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR), गेहूं के लिए एक प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान, ने भारत में किसानों को तापमान में अचानक वृद्धि के मामले में गेहूं की फसलों पर पोटेशियम क्लोराइड का छिड़काव करने की सलाह देते हुए एक सलाह जारी की। यह देश के कुछ गेहूं उगाने वाले क्षेत्रों में सामान्य से 10 डिग्री अधिक तापमान के कारण होने वाली गर्मी...

More »

चिकित्सा प्रक्रियाओं से छिप जाती है हीटवेव में मरने वालों की सही संख्या

द थर्ड पोल, 10 जुलाई इस साल 15 से 22 जून के बीच, उत्तर प्रदेश के बलिया और देवरिया ज़िलों के दो अस्पतालों में 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस अवधि में, बलिया में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया था और ह्यूमिडिटी 30-50 फीसदी थी। हीटवेव का असर साफ़ नज़र आ रहा था। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के हीट इंडेक्स कैलकुलेटर के अनुसार, इन हालात...

More »

जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ढलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं उत्तराखंड में सीमांत किसान

द थर्ड पोल, 5 जुलाई उत्तराखंड के धुधोली गांव में नीमा देवी, अपनी भाभी प्रेमा देवी के साथ बैठकर हाथ से गेहूं की मड़ाई कर रही हैं। कटाई का मौसम खत्म हो गया है। दरअसल, अपने पड़ोसी के आंगन में, हाथ से गेहूं की मड़ाई करने से इन दोनों को अपने मवेशियों के लिए चारा मिल जाता है। नीमा देवी का कहना है कि उनके पास इतनी ज़मीन भी नहीं है कि...

More »

बिहार: किशनगंज पर जलवायु परिवर्तन की मार, खेतों में ही जल जा रही हैं फसलें

जनचौक, 3 जुलाई नीति आयोग 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, किशनगंज बिहार का सबसे गरीब जिला है। जिसकी 64.75 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है। उसके बाद कटिहार का नंबर आता है। वहीं जलवायु परिवर्तन से संबंधित ‘क्लाइमेट वल्नरेबिलिटी असेसमेंट फॉर एडाप्टेशन प्लानिंग इन इंडिया यूजिंग ए कॉमन फ्रेमवर्क’ के अनुसार भारत में जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक खतरा जिन 50 जिलों में हैं। उनमें से चौदह बिहार में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close