नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता में पहुंचाने में अहम भूमिका अदा करने वाली राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में इस साल प्रदेश ढाई करोड़ रुपए का ही खर्चा हुआ है। जबकि दो साल पहले इसी योजना में करीब साढ़े छह हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे। अधिकारी कहते हैं कि नरेगा योजना में सख्ती करने के कारण अब जरूरतमंद लोगों को ही रोजगार मिल रहा है। अब सवाल...
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विधानसभा में फिर गूंजेगा अम्बाला का मनरेगा घोटाला
अम्बाला/चंडीगढ़. देश के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) कार्यो में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले अम्बाला का मनरेगा घोटाला विधानसभा में गूंजेगा। विपक्ष इस बार 4 मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र में पूरी तैयारी के साथ आ रहा है। अम्बाला के उन अधिकारियों को भी चिह्न्ति किया गया है जो इसमें भागीदारी निभा रहे हैं। अम्बाला में करीब 23सौ करोड़ के मनरेगा के तहत कराए गए कार्यो...
More »मनरेगा - पांच साल दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना के
बहुत थोड़ी होती है पांच साल की अवधि फिर भी नरेगा की उपलब्धियां आवाक कर रही हैं। देश के सर्वाधिक गरीब में शुमार लोगों में से तकरीबन दस करोड़ ने बैंक या फिर पोस्ट-ऑफिस में बैंक अकाऊंट खोले हैं, लोग अपना अधिकार समझकर काम मांग रहे हैं, हजारों गांवों में कुएं-तालाब और ऐसे ही सामुदायिक इस्तेमाल के कई संसाधन तैयार हो रहे हैं, औरत हो या मर्द- दोनों को बराबर के काम के लिए बराबर की...
More »जच्चा-बच्चा का रिकार्ड रखने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य
रायपुर। छत्तीसगढ़ में ई-महतारी योजना के शुरू होने के बाद राज्य ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती माताओं और एक वर्ष तक के बच्चों का आन लाइन रिकार्ड रखने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके लिए ई-महतारी के नाम से नई योजना शुरू की गई। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को मुख्यमंत्री रमन सिंह ने...
More »कुपोषण की चपेट में सहरिया जनजाति के नौनिहाल-एएचआरसी
परंत, राजवीर, रामकुमारी,सन्नी- ये नाम घनघोर कुपोषण में दम तोड़ने वाले बच्चों के हैं। 3 साल या फिर इससे भी कम उम्र के सभी बच्चे मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले गांवों में आबाद सहरिया जनजाति के हैं। आशिक, कुलदीप,पवन और मालती जैसे कुछ बच्चे और हैं, ये भी सहरिया जनजाति के ही हैं और कुपोषण की चपेट में इनका भी दम किसी क्षण टूट सकता है।(देखें लिंक संख्या-1) मानवाधिकारों के मोर्चे पर...
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