डाउन टू अर्थ, 01 नवम्बर जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम का असर अब देश की राजधानी पर भी दिखने लगा है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) ने अपनी नई रिपोर्ट “स्वैल्ट्रिंग नाइट्स: डीकोडिंग अर्बन हीट स्ट्रेस इन दिल्ली” में खुलासा किया है कि दिल्ली में जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम तेजी से बदल रहा है। इसकी वजह से तापमान की तुलना में वातावरण में मौजूद नमी में तेजी से इजाफा...
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सदी के अंत तक भारत में 10 गुणा तक बढ़ सकता है लू का कहर, सामने आएंगें नए हॉटस्पॉट्स
डाउन टू अर्थ, 30 अक्टूबर बढ़ते तापमान और जलवायु में आते बदलावों के चलते भारत के कई हिस्सों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब हो सकती है। डीएसटी के महामना सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन क्लाइमेट चेंज रिसर्च के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सदी के अंत तक भारत में लू का खतरा 10 गुणा तक बढ़ जाएगा। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि आने वाले समय में भारत के दक्षिणी...
More »नीति आयोग के सदस्य की आशंका, भारत 2030 तक ज़ीरो-हंगर का लक्ष्य पाने से चूक जाएगा
द वायर, 30 अक्टूबर नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने बीते गुरुवार (26 अक्टूबर) को प्रति व्यक्ति खाद्य उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद 2030 तक जीरो-हंगर (Zero Hunger) लक्ष्य के चूकने की आशंका व्यक्त की. मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कृषि उत्पादकता वृद्धि को सालाना 2 फीसदी से अधिक बढ़ाने, ताकि जनसंख्या में वृद्धि जारी रहने पर भी घरेलू खाद्य मांग को पूरा करने में कोई समस्या न हो,...
More »पीएलएफएस रिपोर्ट: देश में घट रही है बेरोजगारी !
इस लेख में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी की जाने वाली आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण रिपोर्ट (2022–23) का विश्लेषण किया है। यह रिपोर्ट देश में रोजगार और श्रम बाजार की वस्तुस्थिति का आधिकारिक दस्तावेज है। रिपोर्ट का कहना है कि रोजगार की सूरत–ए–हाल में सुधार आ रहा है। क्या वाकई बेरोजगारी घट रही है ? गौरतलब है कि इस सर्वेक्षण में मुख्यतः तीन तरह के आँकड़ों को दर्ज किया जाता है।...
More »गुजरात की स्थानीय पाटनवाड़ी ऊन और भेड़ों की मांग में गिरावट
मोंगाबे हिंदी, 26 अक्टूबर जब हम गुजरात की देशी नस्ल की भेड़ पाटनवाड़ी की तलाश में निकले, तो हमें कच्छ का वह एक दिन काफी लंबा लगा था। काफी तलाश के बाद हमें कुछ ही भेड़े मिल पाई। घटती मांग के चलते आज राज्य में इस नस्ल की 5,000 से भी कम भेड़ें बची हैं। भुज से नखत्राणा की ओर लगभग 80 किलोमीटर के सफर के बाद हमें एक मालधारी नौबा जडेजा...
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