क्विंट हिन्दी, 27 जुलाई देश के कई हिस्सों में इस बार मानसूनी (Monsoon) बारिश में कमी देख गई है. इसका किसानों (Farmer) पर भी असर पड़ा है और खरीफ की फसलों में जहां दालों का रकबा बढ़ा है तो वहीं धान की रोपाई पिछले साल के मुकाबले करीब 17 प्रतिशत कम हुई है. लेकिन इसकी वजह अकेली बारिश नहीं है. धान के घटते रकबे के कई और कारण भी हैं, जो...
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पहले गेहूं, अब चावल- खराब मौसम की मार के कारण इस सीजन में ‘10 मिलियन टन’ तक गिर सकता है उत्पादन
दिप्रिंट , 27 जुलाई अप्रैल-मई में भीषण गर्मी के कारण देश में गेहूं की फसल खराब हो गई थी, जिसकी वजह से निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा और अब मौजूदा खरीफ सीजन की मुख्य फसल चावल की बुवाई कई राज्यों में कम बारिश के कारण प्रभावित हुई है. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में इस मानसून के मौसम में अब तक कम बारिश हुई है, जबकि असम...
More »100 रुपये में डीजल, 250 रुपये घंटा सिंचाई दर; सावन में खेतों में उड़ रही धूल
जनचौक, 25 जुलाई प्रयागराज। सावन के महीने में यूपी में खेतों में धूल उड़ रही है। पिछले साल बारहों महीने बेतहाशा बरसने वाले बादल इस साल मानसून में भी नहीं आये। आषाढ़ बीत गया। खेतों में बेहन रोपनी की राह देखते-देखते चेहरे पत्थर हो चले हैं। रोपनी गीत स्त्रियों के गलों में ही दबे रह गये। जो लोग कहीं से पानी का जुगाड़ करके धान की रोपाई कर भी दिये हैं...
More »असम: जिस ओर नजर सिर्फ पानी ही पानी, जान माल की भारी क्षति
न्यूज़लॉन्ड्री, 19 जुलाई असम में नेशनल हाईवे 31 के किनारे जिस ओर नजर जाती है, पानी ही पानी दिखता है. यहां कुछ दिन पहले तक धान की लहलहाती फसल दिखती थी. इसी हाईवे पर 43 वर्षीय रहीसुद्दीन अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ मदद का इंतजार कर रहे हैं. राज्य में नगांव जिले के राहा अनुमंडल के काकोटी गांव निवासी रहीसुद्दीन अपने गांव वापस जाने के लिए किसी नाव की...
More »खबरदार
खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
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