पिछले हफ्ते भारत में आर्थिक सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के पच्चीस साल पूरे हुए। सरकार ने इस अवसर की अनदेखी की, और इसकी वजह समझना मुश्किल नहीं है: आर्थिक सुधार पीवी नरसिंह राव के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने शुरू किए थे, और तब भाजपा ने इसका पुरजोर विरोध किया था। (स्वदेशी जागरण मंच का वजूद आज भी है।) कल्पना करें कि 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी...
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माल देशी, मालिकाना विदेशी --- अनिल रघुराज
इकलौते तथ्य से सत्य नहीं निकल सकता. लेकिन अनेक तथ्यों को साथ मिला कर सत्य की समग्र तसवीर बनायी जा सकती है. मसला है देश के व्यापक आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का. यह मसला केंद्र या राज्य सरकारों के लिए ही नहीं, देश के हर अमीर-गरीब, स्त्री-पुरुष या बच्चे, बूढ़े व नौजवान के लिए बेहद अहम है. आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के इस मसले को सुलझाने के चार...
More »अच्छे देशों की सूची में अभी दूर है भारत की मंजिल
मानवता की बेहतरी में योगदान के लिहाज से जारी अच्छे देशों की ताजा सूची में भारत को 70वें स्थान पर रखा गया है. सूची में 163 देशों को शामिल किया गया है. ऐसे किसी वैश्विक इंडेक्स में हमारे देश की मौजूदा स्थिति निश्चित रूप से निराशाजनक है. देशों की आंतरिक स्थिति के आधार पर पेश की जानेवाली अन्य महत्वपूर्ण रिपोर्टों पर नजर डालें, तो निराशा और बढ़ जाती है. मानव...
More »झूठ का एहतराम, सच रामराम-- अनिल रघुराज
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः, मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय. धृतराष्ट्र ने पूछा और संजय सारा कुछ बताते गये कि महाभारत के धर्मयुद्ध में क्या-क्या धर्म-अधर्म हुआ. श्रीकृष्ण तक के छल और युधिष्ठिर तक के अर्धसत्य का वर्णन उन्होंने किया. फिर भी पांडव अंततः जीत गये. लेकिन बाजार की कोई कितनी भी आलोचना कर ले, वहां झूठ का तिलिस्म ज्यादा नहीं चलता. याद करें, करीब सात साल पहले जब 7 जनवरी, 2009...
More »बेरोजगारी बढ़ने के सबब-- अरविन्द जयतिलक
पिछले दिनों प्रकाश में आई ‘एस्पाइरिंग माइंड्स' की ‘नेशनल इम्पालयबिलिटी रिपोर्ट' चिंतित करने वाली है। यह रिपोर्ट बताती है कि इंजीनियरिंग डिग्री रखने वाले स्नातकों में कुशलता की कमी है और उनमें से करीब अस्सी फीसद स्नातक रोजगार के काबिल नहीं हैं। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट देश भर के साढ़े छह सौ से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों के तकरीबन डेढ़ लाख इंजीनियरिंग छात्रों पर किए गए अध्ययन पर आधारित है।...
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