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गांवों की तसवीर बदलने की पहल- अंजनी कुमार सिंह

ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के विकास के बाद केंद्र सरकार रोजगार बढ़ाने के लिए अब ग्रामीण परिवहन योजना के विस्तार की दिशा में काम कर रही है. इसका नाम प्रधानमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना है. योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधा को बेहतर कर रोजगार के नये अवसर पैदा करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे में कृषि व ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता देना है. ...

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नेताओं के परिजन को तत्काल लोन, बेरोजगारों को दो साल में भी नहीं

राजीव शर्मा, भोपाल । मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत नेताओं के परिजन और रिश्तेदारों को बैंक तत्काल लोन (एक से दो सप्ताह) दे रहे हैं, लेकिन गरीब बेरोजगारों को दो-दो साल भटकने के बाद भी नहीं। ज्यादातर गरीब बेरोजगार के लोन की फाइल अव्वल तो जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी आगे बढ़ाते ही नहीं हैं, जिनकी भेज भी देते हैं तो बैंक अफसर गारंटी लाने की बात कहकर प्रकरण...

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बैंकरप्सी बिल : द इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड लोकसभा में पारित

किसी कारोबारी द्वारा बैंकों का कर्ज चुकता न किये जाने से न सिर्फ बैंकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होती है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के नुकसान की भरपाई अंततः सरकारी खजाने से करनी पड़ती है. यह खजाना देश की सामूहिक आय, नागरिकों द्वारा दिये गये कर और बचत की राशि से बनता है.  इसका मतलब यह है कि...

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50 डिफॉल्‍टर्स पर बकाया हैं सार्वजनिक बैंकों के 1.21 लाख करोड़ रुपए

नई दिल्‍ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक यानी पीएसबी के टॉप-50 डिफॉल्‍टर्स पर दिसंबर 2015 तक की स्थिति के अनुसार, कुल 1.21 लाख करोड़ रुपए बकाया हैं। वित्‍त राज्‍य मंत्री जयंत सिन्‍हा ने राज्‍य सभा में बताया कि पिछले तीन सालों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलफुल डिफॉल्‍टर्स की संख्‍या दिसंबर 2015 तक बढ़कर 7,686 हो गई है, जो कि तीन साल पहले तक 5,554 थी। इसी प्रकार बकाये की रकम...

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ताकि बैंकों की साख कायम रहे- एन के सिंह

हेनरी पॉलसन के मुताबिक, 'अगर कोई आर्थिक-तंत्र बिखरता है, तो फिर उसे पटरी पर लाना वाकई बहुत-बहुत मुश्किल हो जाता है।' भारत का वित्तीय क्षेत्र अभी गंभीर संकट में उलझा हुआ है। और यह संकट मुख्यत: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों, यानी एनपीए के कारण पैदा हुआ है। 31 दिसंबर, 2015 तक 24 सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपीए 3,93,035 करोड़ रुपये था।   अगर इसमें जोखिम वाले...

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