कोहिमा [एशिया डिफेंस न्यूज़ इंटरनेशनल]। मणिपुर में एक उम्मीद सी सुबह, अचानक मुझे पत्रकारों के परिचित भय ने घेर लिया। क्या मैं इतनी दूर [माओ गेट से इंफाल तक के नाम भर के राजमार्ग-39 पर यात्रा करके], एक कहानी की [दबाव झेलते उग्रवादी] तलाश में आया हूं? एक स्थानीय समाचारपत्र में 'आरपीएफ द्वारा पुलिस/सेना के दोहरेपन की भर्त्सना' शीर्षक से छपी एक खबर ने सारी बात कह डाली है। लगता है कि मणिपुर में प्रकाशन...
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गढ़वा में आदिम जनजातियों पर लाठीचार्ज
गढ़वा। सोमवार को अपराह्न चार बजे पूरा समाहरणालय परिसर तब रणक्षेत्र में तब्दील हो गया, जब प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। सीआरपीएफ के जवानों ने प्रदर्शन कर रहे आदिम जनजाति के लोगों पर जमकर लाठियां बरसाई। प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस पर पथराव किया। इस दौरान पूरे परिसर में भगदड़ मच गई। गिरते-पड़ते लोग इधर-उधर भाग रहे थे और सीआरपीएफ के जवान उन्हें खदेड़-खदेड़कर पीट रहे थे। घटना में कई महिलाएं व...
More »न्याय:कितना दूर-कितना पास
खास बात • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।* • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...
More »पलायन (माइग्रेशन)
खास बात • किसी प्रांत से उसी प्रांत में और किसी एक प्रांत से दूसरे प्रांत में पलायन करने वालों की संख्या पिछले एक दशक में ९ करोड़ ८० लाख तक जा पहुंची है। इसमें ६ करोड़ १० लाख लोगों ने ग्रामीण से ग्रामीण इलाकों में और ३ करोड़ ६० लाख लोगों ने गावों से शहरों की ओर पलायन किया। # • पिछले एक दशक को आधार मानकर अगर इस बात की गणना करें कि किसी वासस्थान को छोड़कर कितने लोग दूसरी जगह रहने...
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