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चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: आरबीआई

-न्यूजक्लिक, मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 5.3 प्रतिशत रह सकती है। यह केंद्रीय बैंक के पूर्व अनुमान के अनुरूप है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि मुद्रास्फीति के अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में नरम पड़कर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान है।       उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति का अनुमान पूर्व के अनुमान के लगभग अनुरूप है।...

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मुंबई-दिल्ली नहीं बल्कि कोयंबटूर-इंदौर-सूरत लिखेंगे भारत में शहरीकरण की कामयाबी की कहानी

-द प्रिंट, शहरों की रैंकिंग तय करना भी एक फलता-फूलता व्यवसाय हो गया है. दि इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने सबसे महंगे और सबसे सस्ते शहरों की ताजा रैंकिंग इस सप्ताह घोषित की. अहमदाबाद दुनिया के सबसे सस्ते शहरों में टॉप-10 की लिस्ट में दमिश्क और त्रिपोली जैसे तबाह शहरों के साथ मौजूद है. इससे पहले सरकार ने भारत के सबसे स्वच्छ शहरों की नई सूची जारी की थी जिसमें इंदौर एक...

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डीएपी की कमी के बीच कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की बिक्री 50 फीसदी बढ़ी

-रूरल वॉइस, वैश्विक कीमतों में रिकार्ड बढ़ोतरी की वजह से डीएपी की उपलब्धता के संकट के चलते कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की बिक्री में भारी इजाफा हुआ है। चालू रबी सीजिन के अक्तूबर और नवंबर माह में इन उर्वरकों की बिक्री में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डिपार्टमेंट ऑफ फर्टिलाइजर्स के आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर और नवंबर, 2021 के दो महीनों में कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की बिक्री 27.7 लाख टन...

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चीन और श्रीलंका के बीच 'ज़हरीले' खाद पर विवाद का पूरा मामला क्या है?

-बीबीसी, चीन से श्रीलंका आया एक कार्गो कहने के बावजूद श्रीलंकाई तट से हटने से मना कर रहा है. दरअसल चीन से एक ग़लत शिपमेंट श्रीलंका पहुंचने से यह पूरी समस्या खड़ी हुई लेकिन इसकी वजह से इन दो सहयोगी देशों के बीच एक कूटनीतिक खींचतान देखने को मिल रही है जिसमें न केवल एक बैंक को ब्लैकलिस्ट किया गया बल्कि किसानों और वैज्ञानिकों का एक समूह भी विरोध पर उतर आया...

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सरकार ने करोड़ों ख़र्च किए, लेकिन पंजाब में पराली जलाने का व्यावहारिक विकल्प खोजने में विफल रही

-द वायर, पराली जलाने की समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले चार सालों में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हरियाणा की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी रही है. इस राशि में से 1,050.68 करोड़ रुपये पंजाब को दिए गए थे, लेकिन यहां अभी भी भारी तादाद में खेतों में पराली जलाए जा रहे हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी)...

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