न्यूजप्लेटफार्म, मैं इस बहस में नहीं पडूंगा कि भारत कोरोना के सामुदायिक प्रसार के दौर में है या नहीं क्योंकि यदि नहीं भी है तो बहुत जल्द पहुंच जाएगा. पहले दिन से ही यह स्पष्ट है कि भारत में कोरोना के नियंत्रण के लिए सम्पूर्ण लॉकडाउन किया जाना सही नहीं है. उसकी जनसांख्यिकी, उसकी अर्थव्यवस्था, उसका सामाजिक पिछड़ापन और इस सब से ज्यादा उसके शासन का पिछड़ा रवैया, जवाबदेही का अभाव...
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देश की आठ हजार दाल मिले बंद है, जानिए दलहन किसान और मजदूर का हाल
-डाउन टू अर्थ, इस बार करीब 2.5 एकड़ खेत में चना दाल लगाया था। ओले और ठंड के कारण सारी फसल बर्बाद हो गई। हमें 15 क्विटल चना दाल मिलने की उम्मीद थी हालांकि महज कुल 1.5 क्विंटल चना दाल ही हमें मिल पाई है। यह सिर्फ अगली बार के लिए बीज के इस्तेमाल में लगाया जाएगा। 25 मार्च, 2020 से देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आधा गेहूं भी घर पर ही...
More »लॉकडाउन का असर: न महुआ और न बांस की टोकरी बेच पा रहे हैं कमार जनजाति के लोग
-डाउन टू अर्थ, देशभर में लॉकडाउन का असर सभी लोगों पर तो हुआ ही है लेकिन हमारे समाज का एक ऐसा वर्ग है जो पहले से हाशिये पर है उनके आजीविका पर इसका असर दिखाई देने लगा है। “तीन हफ्ते पहले हमारे यहाँ कोचिया आया था, और अब नहीं आ रहा है जिस से हमारे सुपा, टोकरी, टुकना कुछ भी बिक नहीं रहा है. हम तो अभी बनाना छोड़ दिए हैं” यह...
More »छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए डोनेशन ऑन व्हील्स
-इंडिया टूडे, छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए सख्त किस्म की लड़ाई शुरू की है. राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों से लगने वाली अपनी सड़क सीमाएं सील कर दी है और अभी छत्तीसगढ़ में कुल 76,000 लोग होम क्वारेंटांइन में हैं. क्वारेंटाइंन में और भी लोग हैं, लेकिन होम क्वारेंटांइन में उनकी पूरी देख-रेख के लिए संबंधित थानेदार, स्वास्थ्य कर्मी, महिला विकास विभाग के कर्मचारियों को लगाया गया है....
More »न्यूयॉर्क टाइम्स: भारत में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या एक करोड़ होने की आशंका
-मीडियाविजिल, न्यूयॉर्क टाइम्स (nytimes.com) में 27 मार्च को अपलोड किए गए एक आलेख में कहा गया है कि अनियंत्रित हाईपरटेंशन और डायबिटीज के शिकार लोगों के लिए कोविड-19 खतरनाक है. भारत में कोविड-19 को बुजुर्गों के लिए तो खतरा बताया गया है पर डायबिटीज और हाइपरटेंशन वालों के लिए भी खतरा है, यह नई बात है. वैसे ऐसी बीमारी के शिकार लोग जानते हैं कि उनके लिए कुछ भी खतरनाक है...
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