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ट्रंप भले ही हार जाएं लेकिन अमेरिका में ट्रंपवाद का उभार हो चुका है, यह प्रदर्शन से ज्यादा पॉपुलिज्म पर निर्भर है

-द प्रिंट, अमेरिकी राष्ट्रपति के इस चुनाव की राजनीतिक उपलब्धि यह नहीं होगी कि कौन जीता. यह तो तय है कि चुनाव वही जीतने जा रहा है, जो जीत का हकदार है. लेकिन इससे भी आगे जाकर देखें तो भविष्य में अमेरिका और भारत समेत दुनिया के दूसरे लोकतंत्रों की राजनीति पर इस तथ्य का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने वाला है कि डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग 50 फीसदी पॉपुलर वोट हासिल कर...

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पीएम मोदी चीन-अमेरिका पर नेहरू और शास्त्री से क्या सीख सकते हैं?

-द क्विंट, भारत और अमेरिका गहरे दोस्त बन गए हैं. मैंने अपनी दो किताबों में इसे ‘इनएविटेबिलिटी ऑफ हिस्ट्री’ यानी इतिहास की अनिवार्यता कहा है. जाहिर सी बात है, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने काफी नाजुक दौर में भारत में कदम रखा है. उधर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं (संभव है कि ट्रंप चुनाव हार जाएं). इधर भारत गलवान घाटी में...

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बिहार में 1,200 से अधिक प्रत्याशियों ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामलों की घोषणा की है: एडीआर

-द वायर, बिहार चुनाव में 1,200 से अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है, जिनमें से 115 महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में आरोपी हैं और 73 पर हत्या का मामला दर्ज है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनावों में खड़े 3,722 प्रत्याशियों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 1,201...

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बिहार एक बार फिर देश को रास्ता दिखा सकता है, रोज़गार बन रहा है चुनाव का केंद्रीय सवाल

-न्यूजक्लिक, बिहार चुनाव में मोदी जी की सीधी एंट्री 23 अक्टूबर से होने जा रही है। पहले चरण के चुनाव के एक सप्ताह पूर्व। वैसे उनके नम्बर दो के स्टार प्रचारक योगी जी 20 अक्टूबर से मैदान में उतर रहे हैं। (अपना हाथरस, बलिया वाला रामराज का UP मॉडल लेकर! ) सवाल यह है कि NDA के हाथ से जो बाजी निकलती जा रही है, क्या वे इसे पलट पाएंगे? चुनाव की घोषणा...

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भारत में न्याय अब एक ऐसा शब्द है जो अपना मतलब खोता जा रहा है

-सत्याग्रह, साल 2000 में अपने एक व्याख्यान में चर्चित अर्थशास्त्री टीएन श्रीनिवासन ने कहा था कि ‘भारत में अगर कोई गरीब है तो इसकी ज्यादा संभावना है कि वह किसी ग्रामीण इलाके में रह रहा होगा, अनुसूचित जाति या जनजाति या फिर सामाजिक रूप से पिछले वर्ग से ताल्लुक रखता होगा, कुपोषित, बीमार या फिर कमजोर स्वास्थ्य वाला होगा, अनपढ़ या फिर कम पढ़ा-लिखा होगा और कुछ खास राज्यों (जैसे बिहार,...

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