इन दिनों देश कई मोर्चों पर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें लगातार चिंता का सबब बनी हुई हैं। इसके चलते घरेलू बाजार में भी पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार चढ़ रहे हैं और आलम यह है कि पिछले दिनों सरकार ने इस मोर्चे पर उपभोक्ताओं को राहत देने की जो पहल की थी, वह भी अब पुन: दाम चढ़ने के साथ निस्तेज...
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मुद्रास्फीति पर निगरानी की नकेल- जगदीश रतनानी
नीतिगत रेपो दर में वृद्धि के दो चक्रों के बाद, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने इस बार एक विराम-सा लेकर उसके द्वारा बैंकों को दिये जानेवाले अल्प अवधि के ऋणों हेतु उनसे लिये जानेवाले ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित ही छोड़ दिया. ज्ञातव्य है कि इस दर में होनेवाला कोई बदलाव एक अरसे बाद अंततः बैंक से ऋण लेनेवालों को लगनेवाली ब्याज दर में...
More »सशक्तीकरण के लिए स्वच्छ पर्यावरण- नरेन्द्र मोदी
संयुक्त राष्ट्र ने कल मुझे ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड' से सम्मानित किया। सम्मान प्राप्त करके मैं बहुत अभिभूत हूं। मैं महसूस करता हूं कि यह पुरस्कार किसी व्यक्ति के लिए नहीं है। यह भारतीय संस्कृति और मूल्यों की स्वीकृति है, जिसने हमेशा प्रकृति के साथ सौहार्द बनाने पर बल दिया है। जलवायु परिवर्तन में भारत की सक्रिय भूमिका को मान्यता मिलना और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस व संयुक्त...
More »तेल कीमतों में कमी के आसार नहीं-- अभिजीत मुखोपाध्याय
नवंबर, 2014 के बाद पहली बार इस साल मई में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गयी थी. आंकड़े इंगित करते हैं कि अमेरिका, जापान और यूरोप की अर्थव्यवस्थाओं के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन कर रही है. इस कारण तेल की मांग बढ़ रही है. फिलहाल कच्चे तेल की कीमत 78 डॉलर के आसपास है. इसका दूसरा पहलू यह है कि आपूर्ति को नियंत्रित...
More »असली चुनौती अभी कायम है-- अजीत रानाडे
त्रैमासिक राष्ट्रीय आय पर 31 अगस्त को जारी आधिकारिक आंकड़े में बताया गया कि अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान देश के जीडीपी की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही. यह वृद्धि 7.5 अथवा 7.6 प्रतिशत की उम्मीद से ही नहीं, बल्कि 8 प्रतिशत के एक मनोवैज्ञानिक स्तर से भी स्पष्टतः अधिक थी, जो पिछली नौ तिमाहियों में सर्वाधिक होने की वजह से आर्थिक मोर्चे पर एक खुशखबरी है. पिछले...
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