संसद का बजट सत्र शुरु होने से पहले बीते 31 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त अधिवेशन में अपने अभिभाषण में कहा कि केंद्र सरकार किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि खरीफ और रबी की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में लगातार की गई वृद्धि इसी दिशा में उठाया गया कदम है....
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भारत बंदः ट्रेड यूनियन क्यों कर रहे हैं आज हड़ताल?
केंद्र सरकार की 'श्रमिक विरोधी नीतियों' के खिलाफ़ बुधवार को मजदूर यूनियनों ने देशव्यापी बंद का ऐलान किया है. दावा है कि हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग हिस्सा लेंगे. मजदूर यूनियनों का आरोप है कि सरकार श्रम कानून में बदलाव करके उनके अधिकारों का हनन कर रही है और लेबर कोड के नाम पर मौजूदा व्यवस्था को पूरी तरह ख़त्म किया जा रहा है. ट्रेड यूनियनों की प्रमुख मांगों में बेरोजगारी,...
More »देश में नया श्रम कानून लागू, मगर मजदूरों के हाथ खाली
"नये श्रम कानून में सरकार अगर देश में मजदूरों की 178 रुपए कम से कम मजदूरी तय कर रही है, तो सीमेंट की बोरी ढोने वाले हम जैसे मजदूरों को दिन भर काम के बाद 250 रुपए मजदूरी मिलती है, अब आप बताइये इतनी महंगाई में 250 रुपए दिहाड़ी पर घर चलता है क्या?, तो 178 रुपए पर क्या कहेंगे," यह कहना है मजदूर दल्ला मीना का, जो राजस्थान के...
More »NRC को पूंजीवादी दृष्टि से भी देखा जाना चाहिए
एनआरसी को अभी तक सिर्फ़ कम्युनल और संवैधानिक दृष्टि से ही देखा गया है। एनआरसी पूंजीवादी के कितना काम आ सकता है, किस तरह काम आ सकता है इस पर भी एक नज़र डाल लेना चाहिए। क्योकि पूंजीवादी जब फासीवाद को अपना हथियार बना लेता है तो दमन और क्रूरता के सारे पुराने मापदंड टूट जाते हैं।इसे समझना हो तोलोकल इंटेलिंजेंस यूनिट के हवाले से लिखी गई अमर उजाला की...
More »नरेगा के बजट मे कटौती और आधार लिंकित भुगतान कामगारों के हक का उल्लंघन: नरेगा संघर्ष मोर्चा
नयी सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए चालू वित्तवर्ष में मात्र 60,000 रुपये आबंटित किये हैं. यह रकम साल 2018-19 के संशोधित बजट अनुमान (नरेगा) की तुलना में 1,084 करोड़ रुपये कम है. पिछले साल जिस तादाद में रोजगार गारंटी योजना के तहत काम की मांग की गई, अगर सरकार उन्हें पूरा करती और मजदूरी का भुगतान श्रमिकों को समय पर होता तो नरेगा के मद में...
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