जनसत्ता 28 जनवरी, 2014 : महिलाओं के विरुद्ध होने वाले यौन अपराधों से निपटने के उपायों और तौर-तरीकों को लेकर सामाजिक-सांस्कृतिक ही नहीं,काफी कानूनी विभ्रम भी हैं। कठोरतम दंड-प्रावधानों के साए में, देश की अपराध-न्याय व्यवस्था आसाराम और तेजपाल के आचरण में भेद नहीं कर पा रही है; पुलिस और अदालती कार्यवाही में दोनों को एक समान ही निपटाया जा रहा है। यौनिक दुराचरण के आरोपी जजों की ओर से...
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हर किसी के हिस्से है मुट्ठी भर आसमान-पुष्यमित्र
दुमका की वंदना के पास जन्म से ही पूर्ण विकसित हाथ नहीं हैं, मगर उसके दोनों पैर न सिर्फ दुनिया में रंग बिखेर रहे हैं बल्कि वह इन्हें पैरों से कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी कर अपना जीवन भी चला रही है. जमशेदपुर की रंजू नेत्रहीन है, लिखित परीक्षा पास करने के बावजूद झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन ने उसे अधिकारिक स्तर की नौकरी के काबिल नहीं समझा था. मगर आरटीआइ के जरिये...
More »आरटीआई- आठ सालों में जनता ने किया भरपूर इस्तेमाल
इन आठ सालों में जनता ने इस कानून और इसके जरिये मिले अधिकार का भरपूर इस्तेमाल किया है, इस बात में कोई मतभेद नहीं हो सकता. व्यक्तिगत काम कराने के लिए भी और देश, समाज व समुदाय के हित में भी. सरकार की गलतियों, सरकारी तंत्र के भ्रष्टाचार और मनमानेपन को नंगा करने में भी इस कानून का इस्तेमाल आम जनता ने किया. इसमें वैसे लोग शामिल हुए, जिनका किसी राजनीतिक या...
More »साझी लूट साझी सियासत- कनक तिवारी
जनसत्ता 16 अक्तूबर, 2013 : सर्वोच्च अदालत के दो ताजा लागू फैसलों और केंद्रीय चुनाव आयोग के एक गैर-लागू निर्णय के बाद चुनावी भ्रष्टाचार के दलदल में रसूखदार राजनीतिकों के धंसने का नया युग शुरू हो गया है। न्यायमूर्ति अनंगकुमार पटनायक और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की पीठ ने दस जुलाई के ऐतिहासिक निर्णय के जरिए यह कील ठोंक दी है कि दो वर्ष या इससे अधिक की सजा पाने वाला...
More »एक करोड़ लोगों के घर उजाड़ गया तूफान
गोपालपुर/श्रीकाकुलम/नई दिल्ली। भीषण चक्रवाती तूफान पेलिन ने ओड़िशा और उत्तरी तटीय आंध्र में तबाही तो मचाई लेकिन पर्याप्त एहतियात बरतने के कारण जनहानि नहीं हुई। तूफान से करीब 90 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, 2.34 लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 2400 करोड़ रुपए की धान की फसल बर्बाद हो गई। पेलिन को पिछले 14 साल में आया सबसे भीषण तूफान माना जा रहा है लेकिन 1999 में आए तूफान...
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