SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 288

पेरेंट्स चाहते हैं कि स्कूल फिर से खुलें, ऑनलाइन कक्षाएं कारगर नहीं- अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की स्टडी

-द प्रिंट, बेंगलुरू स्थित अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की पांच राज्यों में की गई एक स्टडी में पता चला है कि पब्लिक स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा कारगर साबित नहीं हो रही है और स्कूलों के फिर से खुलते ही पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं. मिथ्स ऑफ ऑनलाइन एजुकेशन नामक इस स्टडी में, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में 1,522 पेरेंट्स और 398 टीचर्स से सवाल किए गए थे. सोमवार...

More »

आंध्र प्रदेश के डॉक्टर ने सुनाई कोविड स्टाफ के साथ राज्य के विश्वासघात की कहानी

-कारवां, इस मई में जब सैन्य हैलीकॉप्टर कोविड-19 अस्पतालों पर फूल बरसा रहे थे तब मैं अपने परिवार के साथ आंध्र प्रदेश के अनंतपुर शहर में था. यह महामारी की वह घटना थी जिसमें सरकार के साथ-साथ नागरिकों ने भी स्वास्थ्य कर्मियों को वीरों और अपने कर्तव्य के प्रति बलिदान होने वाले "योद्धाओं" के रूप में माना. जब तमाम न्यूज चैनल स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित करने के सरकार के काम की सराहना...

More »

लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को रोका जा सकता था

-द वायर, अप्रैल-मई 2020 में राष्ट्रीय लॉकडाउन से लोगों के रोजगार और आय पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा. उदाहरण के लिए, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में सेंटर फॉर इकोनॉमिक परफॉरमेंस के द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार लगभग आधे शहरी कामगारों ने उस अवधि के दौरान कोई आय अर्जित नहीं की. कई सार्वजनिक सेवाएं भी कम या बंद कर दी गईं. इसमें नियमित स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं. लॉकडाउन के दौरान...

More »

कोविड-19 : महाराष्ट्र सहित देश के अन्य हिस्सों में ऑक्सीजन की भारी कमी, अस्पताल परेशान

-कारवां, 2 सितंबर को पनवेल में निरामय हॉस्पिटल्स के मेडिकल निदेशक डॉ. अमित थडानी 16 घंटे तक ऑक्सीजन खोजते रहे. थडानी 55 बेड वाला अस्पताल चलाते हैं जो अब कोविड-19 अस्पताल है जहां मरीजों के लिए एक दिन में 70 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत होती है. थडानी ने ऑक्सीजन के 50 सिलेंडर मंगवाने के लिए कई ऑक्सीजन डीलरों को आर्डर दिए थे लेकिन उस दिन दोपहर तक उन्हें सिर्फ 20 मिल पाए...

More »

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अब निर्मला सीतारमण की जरूरत नहीं, मोदी को जयशंकर की तरह लेटरल एंट्री का सहारा लेना चाहिए

-द प्रिंट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब जबकि लगातार गिरती अर्थव्यवस्था, अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट आई है— पर काबू पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, उन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से किसी और मिसहैंडलिंग की जरूरत नहीं है. मोदी को उनकी बनाई भुरभुरी जमीन से उबरना होगा और लेटरल एंट्री को अर्थव्यवस्था बचाने के लिए अपना मंत्र बनाना होगा....

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close