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क्यों बढ़ गईं हैं जीरा की कीमतें, क्या जीरा किसानों को हो रहा है इससे फायदा?

गाँव कनेक्शन, 11 जनवरी प्रदीप खोजा बचपन से अपने पुश्तैनी खेत में जीरे की खेती में लगने वाली मेहनत को देखते हुए बड़े हुए हैं। उनके दादा ने जीरे की खेती करने की शुरूआत की थी। फिर उनके पिता ने इसे अपना लिया। और अब खोजा ने भी अपने खेतों में जीरे की फसल उगाने का विकल्प चुना है। आज वह 36 साल के हैं और मेहनत करने से उन्हें कोई...

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जलवायु परिवर्तन और शिकार की वजह से खत्म हो रहे सिक्किम के तीस्ता नदी के मेढ़क

मोंगाबे हिंदी, 23 नवम्बर जलवायु परिवर्तन की मार अब मेढकों पर भी। हाल ही में आए शोध से पता चला है कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की वजह से तीस्ता नदी के आसपास पाए जाने वाले मेढक खत्म हो रहे हैं। पूर्वोत्तर भारत की जीवन रेखा मानी जाने वाली तीस्ता नदी समुद्र तल से 7,096 मीटर ऊपर स्थित हिमालय के पाहुनरी ग्लेशियर से निकलती है। तीस्ता भारत के सिक्किम राज्य में...

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जलवायु संकट: जलवायु रिकॉर्ड का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर इस साल 2022 में किया गया दर्ज

कार्बनकॉपी, 16 नवम्बर हमारी धरती तेजी से गर्म हो रही है और इसका एक और नया सबूत सामने आया है। जब जलवायु इतिहास का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर इस साल 2022 में दर्ज किया गया है। नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि इस साल अक्टूबर के महीने में औसत तापमान बीसवीं सदी के औसत...

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क्या जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते पलायन को वैश्विक मान्यता मिल पाएगी?

डाउन टू अर्थ, 16 नवम्बर जलवायु आपातकाल इसे और तीव्र कर रहा है क्योंकि अधिक से अधिक आपदाएं देशों को प्रभावित कर रही हैं। यह आपातकाल लोगों की सहनशक्ति को भी लगातार कम कर रहा है। इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से प्रेरित आपदाएं पलायन को नए रूप दे रही हैं। अब पलायन केवल देश के भीतर ही नहीं] बल्कि देशों के बीच भी हो रहा...

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आशा के साथ शुरू हुए कॉप27 का समापन निराशाजनक न रह जाए

मोंगाबे हिंदी, 16 नवम्बर मिस्र के शर्म-अल-शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन – कॉप27 बीते एक सप्ताह से चल रहा है। बैठक की शुरुआत लॉस एंड डैमेज के मुद्दे के आधिकारिक एजेंडे में शामिल होने के उत्साह के हुई, लेकिन एक सप्ताह के भीतर यह उत्साह शांत हो रहा है। अब चिंताएं बढ़ रही हैं कि शिखर सम्मेलन से ज्यादा कुछ हासिल नहीं होगा। इन चिंताओं की वजह है विश्व...

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