अरुण कुमार गुप्ता, चतरा। झारखंड में चतरा जिले के मांझीपाड़ा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय पर पुलिस का कब्जा है। विद्यालय भवन में पिछले 10 वर्षों से पुलिस पिकेट चल रहा है। ऐसे में विद्यालय के बच्चों को समीप के ही बरगद पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है। इतना ही नहीं जिस दिन बारिश होती है, उस दिन विद्यालय बंद हो जाता है। बताते चलें कि हाई कोर्ट के...
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ताकि हर बच्चे को मिले अच्छी शिक्षा-- हरिवंश चतुर्वेदी
संख्या के आधार पर देखा जाए, तो दुनिया में भारत की स्कूली शिक्षा-व्यवस्था चीन के बाद दूसरे स्थान पर होगी। देश के15 लाख स्कूलों में 26 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। इन 15 लाख स्कूलों में 11 लाख सरकारी और चार लाख प्राइवेट स्कूल हैं। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों की संख्या 85 लाख है, जिनमें से 47 लाख अध्यापक सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं। हर वर्ष सालाना परीक्षाओं में जब...
More »स्कूल में पानी, बच्चे खड़े होकर करते हैं पढ़ाई
कापसी, ब्यूरो। पहली बारिश ने ही शिक्षा विभाग के दावों की पोल खोल दी है। बारिश के पूर्व स्कूलों में साफ-सफाई, भवन मरम्मत सहित अन्य व्यवस्था के निर्देश शासन द्वारा दिए गए थे। जिसके तहत विभाग के अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा था कि स्कूलों में नए शिक्षण सत्र की पूरी तैयारी कर ली गई है लेकिन शिक्षा विभाग के दावे पहली बारिश में ही धरी की धरी रह गई।...
More »माल देशी, मालिकाना विदेशी --- अनिल रघुराज
इकलौते तथ्य से सत्य नहीं निकल सकता. लेकिन अनेक तथ्यों को साथ मिला कर सत्य की समग्र तसवीर बनायी जा सकती है. मसला है देश के व्यापक आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का. यह मसला केंद्र या राज्य सरकारों के लिए ही नहीं, देश के हर अमीर-गरीब, स्त्री-पुरुष या बच्चे, बूढ़े व नौजवान के लिए बेहद अहम है. आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के इस मसले को सुलझाने के चार...
More »कब मिटेगा बाल श्रम का कलंक-- बुद्धप्रकाश
भारतीय संविधान के अनेक प्रावधानों व अधिनियमों में बच्चों की सुरक्षा की खातिर व्यवस्थाएं की गई हैं। समय-समय पर इस उद््देश्य से नए कानून भी बनाए जाते रहे हैं। इस सब के बावजूद बाल श्रम की समस्या में उत्तरोत्तर वृद्धि होती गई है। बच्चों को भावी कर्णधार और आने वाले कल की तस्वीर कहा जाता है। लेकिन कल के उज्ज्वल भविष्य का वर्तमान पेट की आग बुझाने में इस कदर...
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