महज 50 रुपये मासिक शुल्क पर दी जा रही हैं सुविधाएं बड़ा हौसला रखनेवाले ही जिंदगी के उस मुकाम को छू लेते हैं, जहां वे किसी पहचान के मोहताज नहीं होते. ऐसा ही अनोखा काम कर दिखाया है मुंबई की नील डिसूजा और सोमा वाजपेयी ने. नील और सोमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटिलाइजेशन की गुमनाम दूत बन कर देश के स्लम एरिया और दूरस्थ गांवों में सुविधाविहीन बच्चों में इंटरनेट...
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गांव की मीना ने तंगी में छोड़ी पढ़ाई और लिख डाली दो किताबें
लता सिंह, रायपुर(छत्तीसगढ़)। गांव में रहने वाली मीना ने छोटी उम्र और तमाम विपत्तियों के बावजूद वह कारनामा कर दिखाया, जो दूसरी लड़कियों की सोच से भी दूर है। साहित्य के प्रति ऐसी लगन कि दो किताबें लिख डाली। लेकिन विडंबना है कि उसे आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ गई। आरंग तहसील के ग्राम खुटेरी निवासी मीना जांगड़े पांच भाई और चार बहनों में आठवें नम्बर की...
More »दूसरे देशों को स्किल दीजिए -- भरत झुनझुनवाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक विश्व शक्ति के रूप में उभर रहा है. जरूरत है कि इस प्रयास को ठोस नींव पर खड़ा किया जाये. इस दिशा में देश की आर्थिक हालत आड़े आ रही है. दूसरे देशों को पूर्व में दिये गये आश्वासनों को हम पूरा नहीं कर पा रहे हैं. संसद की विदेश मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष दिसंबर 2014 में बताया गया था...
More »क्या यही है पंचायती राज- पीयूष द्विवेदी
कई राज्यों में पंचायत चुनाव चल रहे हैं। कुछ राज्यों में हो चुके हैं तो कुछ में अभी उनकी प्रक्रिया चल रही है। पंचायत चुनाव के इस माहौल में अगर देश के गांवों में जाकर वहां का हाल जानने की कोशिश करें तो हर चौक-चौराहे पर इन चुनावों को लेकर चर्चा मिलेगी। हर सीट को लेकर गुणा-भाग करते ग्रामीण जन मिलेंगे। सीटों के सामान्य या आरक्षित रहने के विषय में...
More »तेज इकोनॉमिक ग्रोथ का फॉर्मूला- भरत झुनझुनवाला
बाजार में मंदी का वातावरण है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के सीमेंट विक्रेता ने बताया कि उसकी बिक्री 40 प्रतिशत कम हुई है. सूरत के टैक्सी वाले के ग्राहकों में कमी आयी है. अब उसकी टैक्सी माह में 6-7 दिन ही चलती है. बाकी खड़ी रहती है, चूंकि बाहर के व्यापारी कम ही आ रहे है. बाजार में मांग के दो स्रोत हैं- घरेलू एवं विदेशी. लेकिन इस समय दोनों...
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