केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को सरकारी कर्मचारियों को तोहफा मिल सकता है. कैबिनेट महंगाई भत्ता (डीए) मौजूदा 72 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत किये जाने के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे सकता है. इस निर्णय से 50 लाख कर्मचारी और 30 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा. एक सूत्र ने बताया, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल बैठक में महंगाई भत्ता 8 प्रतिशत बढ़ाकर 80 प्रतिशत करने के वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर विचार...
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सोया प्लांट की क्रशिंग में भारी कमी
क्या है वजह घरेलू दाम में वृद्धि पर विदेशों में सोया खली के दाम घटे इससे नहीं निकल पा रहा है मिलों का प्रॉफिट मार्जिन मध्य प्रदेश की सोयबीन ऑयल मिलों में इन दिनों क्रशिंग घटकर 40 प्रतिशत रह गई है। इसका कारण देश में सोयाबीन के भाव बढऩे के बाद विदेशों में सोया खली (डीओसी) के भाव घट जाना है। इससे मिलों का प्रॉफिट मार्जिन नहीं निकल पा रहा है। सोया प्लांट्स वैसे...
More »तमाम ख्वाहिशों पर भारी बच्चों का स्कूली खर्च
नयी दिल्ली: दिल्ली की गौरी ने अपने घरेलू बजट में कटौती करके अपनी बच्ची के स्कूल प्रोजेक्ट का महंगा सामान खरीदा, पटना की अंजू को अपने दो बच्चों को स्कूल भेजने पर आने वाले खर्च की चिंता सता रही है, चंडीगढ़ के कौशलेद्र आठवीं और दसवीं में पढ़ने वाले बच्चों को ट्यूशन फीस के लिए अपनी कमाई बढ़ाने की जुगत में हैं. देश के तमाम अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई पर आने वाले...
More »ईधन सब्सिडी से गरीबों को नहीं अमीरों को मिल रहा फायदा
वाशिंगटन। भारत में ईधन पर दी जा रही भारी भरकम सब्सिडी गरीबों के बजाय अमीरों को फायदा पहुंचा रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष [आइएमएफ] ने यह राय जताई है। संगठन का कहना है कि इसकी वजह से सरकार के खर्च में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो रही है। सब्सिडी भले ही गरीबों को फायदा पहुंचाने के लिए दी जा रही है मगर हकीकत में ऐसा हो नहीं रहा है। मुद्रा कोष...
More »क्या विरोध का ढंग बदल सकता है- गिरिराज किशोर
जनसत्ता 5 मार्च, 2013: इक्कीस-बाईस फरवरी का भारत-बंद लगभग सफल हुआ। उसके लिए श्रमिक संगठनों को बधाई। लेकिन इस महाबंद ने मन में कई सवाल उठा दिए। बंद होते रहते हैं। दो मुख्य तर्क इनके पीछे हैं। एक, मजदूरों या कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा, और दूसरा, अपने अधिकारों की शांतिपूर्ण और सामूहिक अभिव्यक्ति। दोनों बातें अपनी जगह सही हैं। मजदूर के अधिकार का संरक्षण होना जरूरी है। लेकिन असंगठित मजदूर...
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